मंगलवार, जुलाई 31, 2012

गिरती है

लैण्डस्केप, पॉल गोगैं
Landscape, Paul Gauguin
भोर होने से बहुत पहले
जब एक भी पंछी जागा नहीं होता
बारिश आती है ऐसे स्वर के साथ
मानो हवा खूब तेज़ी से बह रही हो
वादी के पेड़ों के बीच से
वह गिरती है हमारे आस-पास
मानों सारी बरसेगी बस एक ही बार में
और जैसे कि उसके पार कुछ है ही नहीं
वह गिरती है स्वयं को बिना सुने
बिना जाने
कि वहाँ कोई है
बिना देखे कि वह कहाँ है
या कहाँ जा रही है
आनंद के हमारे
उस असाधारण पल की तरह
जो हम याद नहीं कर सकते
बारिश बत्तियाँ बुझाए आगे बढ़ती है.





-- डब्ल्यू एस मर्विन 



W.S. Merwin डब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं.यह कविता उनके संकलन 'द शैडो ऑफ़ सिरिअस ' से है.


इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

रविवार, जुलाई 29, 2012

दोपहरों में झुकते हुए

द लाईट हाउस , लेव लागोरियो
The Light House, Lev Lagorio
दोपहरों में झुकते हुए मैं फेंकता हूँ अपने उदास जाल
तुम्हारी समुद्र-सी आँखों की ओर.

वहाँ सबसे ऊँची लपट में मेरा एकांत दीर्घ होता है, दहकता है,
उसकी बाहें डूबते आदमी-सी हिलती है.

मैं भेजता हूँ लाल संकेत तुम्हारी अनुपस्थित आँखों के पार
जो दीपगृह के पास के समुद्र-सी लहराती हैं.

मेरी दूरस्थ स्त्री, तुम रखती हो केवल अन्धकार,
तुम्हारी दृष्टि से उभरती है कभी-कभी भय की तटरेखा.

दोपहरों में झुकते हुए मैं फेंकता हूँ अपने उदास जाल
उस समुद्र में जो टकराता है तुम्हारी समुद्री आँखों पर.

रात के पंछी चुगते हैं पहले तारे
जो चौंधते हैं मेरे प्राणों की तरह जब मैं तुम्हें प्यार करता हूँ.

रात सरपट दौड़ती है अपनी मायामय घोड़ी पर
धरती पर नीले फुंदने ढलकाते हुए.



-- पाब्लो नेरुदा



  पाब्लो नेरुदा ( Pablo Neruda ) को कौन नहीं जानता. वे चिली के कवि थे.कोलंबिया के महान उपन्यासकार गेब्रिअल गार्सिया मार्केज़ ने उन्हें ' 20 वीं सदी का, दुनिया की सभी भाषाओँ में से सबसे बेहतरीन कवि ' कहा है. 10वर्ष की आयु में उन्होंने कविताएँ लिखनी शुरू की. 19वर्ष की आयु में उनका पहला संकलन 'क्रेपेस्क्युलारियो ' प्रकाशित हुआ और उसके बाद उनकी प्रसिद्द प्रेम कविताएँ ' ट्वेंटी पोएम्ज़ ऑफ़ लव एंड अ सोंग ऑफ़ डेसपैर '. दोनों संकलन खूब सराहे गए और दूसरी भाषाओँ में अनूदित लिए गए. उनकी प्रेम कविताओं की तो सहस्रों प्रतियाँ आज तक बिक चुकी है. उनके पूरे लेखन काल में उनकी 50से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई और अनेक भाषाओँ में असंख्य अनुवाद हुए. 1971में उन्हें नोबेल प्राइज़ भी प्राप्त हुआ. यह कविता उनके संकलन '100 लव सोनेट्स ' से है. यह आठवां सोनेट है .
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद डब्ल्यू एस मर्विन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शुक्रवार, जुलाई 27, 2012

महान व्यक्तियों से बातचीत करना

क्लाक, मार्क शगाल
Clock, Marc Chagall




महान व्यक्तियों से बातचीत करना
पहनकर देखना उनकी आँखों की पट्टियों को;
किताबों से पत्राचार करना
उन्हें दोबारा लिख कर;
सम्पादन करना पवित्र आदेश्पत्रों का,
और मध्य रात्रि के समय
घड़ी से बातें करना 
खटखटा कर दीवार पर 
ब्रह्माण्ड के एकान्त कारावास में.







-- वेरा पाव्लोवा 




 वेरा पाव्लोवा ( Vera Pavlova ) रूस की सबसे प्रसिद्द समकालीन कवयित्री हैं. उनका जन्म मॉस्कोमें हुआ था. उन्होंने संगीत की शिक्षा ग्रहण की व संगीत के इतिहास विषय में विशेषज्ञता प्राप्त की. कुछ समय बाद ही उनकी कविताएँ प्रकाशित हुई और उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन का आरम्भ किया. उनके 14 कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं व रूस में उनकी किताबें खूब बिकती हैं. उन्होंने चार ओपेरा लिबेरेतोज़ के लिए संगीत लिखा है व कुछ बोल भी. उनकी कविताएँ 18भाषाओँ में अनूदित की गयी हैं. यह कविता उनके अंग्रेजी में अनूदित संकलन 'देयर इज समथिंग टू डिज़ायर' से है.
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीवन सेमूर ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

बुधवार, जुलाई 25, 2012

कविता की कला

द सेन एट वथई, क्लौद मोने
The Seine at Vetheuil, Claude Monet
ताकना समय और पानी से बनी एक नदी को
और याद करना कि समय एक और नदी है.
जानना कि हम नदी ही की तरह भटकते हैं
और हमारे चेहरे पानी की तरह लुप्त हो जाते हैं.

महसूस करना कि जागना एक और स्वप्न है
जो स्वप्न देखता है स्वप्न ना देखने का
और यह कि जिस मृत्यु से हम भीतर तक भयभीत हैं
वह वही मृत्यु है जिसे हर रात हम स्वप्न कहते हैं.

देखना हर दिन और हर वर्ष में एक संकेत
मानव के सभी दिनों और उसके वर्षों का
और परवर्तित करना इस वर्षों के अत्याचार को
संगीत में, एक स्वर में और एक संकेत में.

देखना मृत्यु में एक स्वप्न, सूर्यास्त में
एक सुनहरी उदासी -- ऐसी है कविता,
विनीत और अमर, कविता,
पुनः पुनः लौटती, भोर और सूर्यास्त की तरह.

कभी-कभी सांझ ढले एक चेहरा होता है
जो देखता है हमें आईने की गहराईयों से.
कला ऐसा ही आईना होती होगी,
जो दिखाती होगी हम में से हर एक को उसका चेहरा.

कहते हैं कि यूलिसीस*, आश्चर्यों से क्लांत,
अपने हरे और सीधे-सादे इथाका को देख कर,
प्रेमवश रोने लगा था. कला वह इथाका है,
एक हरी अनंतता, कोई आश्चर्य नहीं.

कला एक बहती नदी सी अनंत है,
आगे बढ़ती, फिर भी ठहरी रहती, आइना दिखाती
उसी परिवर्तनशील हेराक्लिटस* को, जो वही है,
फिर भी कोई और है, बहती नदी कि तरह.



-- होर्खे लुईस बोर्खेस 



Jorge Luis Borges होर्खे लुईस बोर्खेस ( Jorge Luis Borges ) अर्जन्टीना के लेखक, कवि व अनुवादक थे. वे 20 वीं सदी के प्रमुख लेखकों में गिने जाते हैं. वे अपनी कहानियों व निबंधों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द हैं. 1961 से पहले, जब उन्हें व सैम्युएल बेक्केट को एक साथ फोर्मनटर प्राइज़ मिला था, वे केवल अर्जन्टीना में ही अधिक जाने जाते थे. उसके बाद से, उनके लेखन का अंग्रेजी में खूब अनुवाद हुआ और वे दुनिया भर में सराहे गए. उनकी कहानियों में फंतासी व सपनों की दुनिया खूब मिलती है. अन्य सम्मानों सहित उन्हें सेर्वोंत प्राइज़ व फ़्रांस का लेजियन ऑफ़ ओनर भी प्राप्त हुआ था. 
इस कविता का स्पैनिश से अंग्रेजी में अनुवाद ए एस क्लाइन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

*यूलिसीस -- यूनानी नायक ओडीसियस का लातिनी नाम. ओडीसियस इथाका का रजा था व होमर के प्रसिद्द महाकाव्य 'ओडीसी ' का नायक भी.
http://en.wikipedia.org/wiki/Odysseus
*
हेराक्लिटस -- एक यूनानी दार्शनिक जो कहते थे की ब्रह्माण्ड में सब कुछ हर पल बदलता रहता है. उनका प्रसिद्द कथन -- "कोई भी व्यक्ति पहले वाली नदी में नहीं उतरता"
http://en.wikipedia.org/wiki/Heraclitus

सोमवार, जुलाई 23, 2012

दूरी रखना

फ्रोग, एंडी वारहोल
Frog, Andy Warhol
दुनिया के लोगों, जो तुम सब से अच्छा कर सकते हो 
अगर वह यही है,
तो मैं सब छोड़, बनना चाहती हूँ एक पंछी, एक तितली,
गर्मियों की छाया, फड़फड़ाता पत्ता,
पानी में इधर-उधर तैरता पंडुक.
आज एक मेंढक ने प्रतीक्षा की, बेला के पौधे के तले,
भोर से पहले की ठंडी गीली बूंदों की.
कितनी शान से वह उठा था
जब पानी ने छुआ था उसकी खाल को --
एक और सुबह के सामने उसका सहज-सा आनंद --
तुलना करो इसकी बमबारी,
गोलीबारी, तोड़-फोड़ और आतंकवाद से
जो लोग करते आ रहे हैं
जितने हम गिन भी ना पायें उस से अधिक देशों में
और पूछो स्वयं से -- मानव या मेंढक?



-- नाओमी शिहाब नाए 




 नाओमी शिहाब नाए ( Naomi Shihab Nye )एक फिलिस्तीनी-अमरीकी कवयित्री, गीतकार व उपन्यासकार हैं. वे बचपन से ही कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. फिलिस्तीनी पिता और अमरीकी माँ की बेटी, वे अपनी कविताओं में अलग-अलग संस्कृतियों की समानता-असमानता खोजती हैं. वे आम जीवन व सड़क पर चलते लोगों में कविता खोजती हैं. उनके 7 कविता संकलन और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक अवार्ड व सम्मान प्राप्त हुए हैं. उन्होंने अनेक कविता संग्रहों का सम्पादन भी किया है. यह कविता उनके संकलन " यू एंड युअर्ज़ " से है.  

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शनिवार, जुलाई 21, 2012

लगभग अनाम-सी तुम मुस्कुराती हो

ला जोआ, मार्क शगाल
La Joie, Marc Chagall




लगभग अनाम-सी तुम मुस्कुराती हो
और सूरज चढ़ा देता है अपना सोना 
तुम्हारे बालों पर.
ऐसा क्यों है कि, खुश रहने के लिए,
हम जान नहीं सकते कि हम खुश हैं?













-- फेर्नान्दो पेस्सोआ






 फेर्नान्दो पेस्सोआ ( Fernando Pessoa )20 वीं सदी के आरम्भ के पुर्तगाली कवि, लेखक, समीक्षक व अनुवादक थे और दुनिया के महानतम कवियों में उनकी गिनती होती है. यह कविता उन्होंने अपने ही नाम से लिखी थी, यह बताना ज़रूरी है क्योंकि अपने पूरे जीवन काल में उन्होंने 72 झूठे नामों या हेट्रोनिम् की आड़ से सृजन किया, जिन में से तीन प्रमुख थे. और हैरानी की बात तो यह है की इन सभी हेट्रोनिम् या झूठे नामों की अपनी अलग जीवनी, दर्शन, स्वभाव, रूप-रंग व लेखन शैली थी. पेस्सोआ  के जीतेजी उनकी एक ही किताब प्रकाशित हुई. मगर उनकी मृत्यु के बाद, एक पुराने ट्रंक से उनके द्वारा लिखे 25000 से भी अधिक पन्ने  मिले, जो उन्होंने अपने अलग-अलग नामों से लिखे थे. पुर्तगाल की नैशनल लाइब्रेरी में इनके सम्पादन का काम आज भी जारी है. यह कविता उनके संकलन 'सोंगबुक 'से है.
इस कविता का मूल पोर्त्युगीज़ से अंग्रेजी में अनुवाद रिचर्ड ज़ेनिथ ने किया है.

इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

गुरुवार, जुलाई 19, 2012

बिना पिया की रातें

वुमंज़ पोर्ट्रेट, कोंस्तान्तिन यूओन
Woman's Portrait, Konstantin Yuon
बिना पिया की रातें -- और रातें
उसके साथ जिसे तुम प्यार नहीं करतीं, और
तपते माथे के ऊपर बड़े-बड़े सितारे, और बाहें,
ऊपर उठती, 'उस' तक पहुँचने की कोशिश करतीं --
जो यहाँ ना जाने कब से नहीं था -- और होगा भी नहीं,
जो हो नहीं सकता -- और जिसे होना ज़रूर चाहिए...
और बच्चे की आँख से टपकता नायक के लिए आँसू,
और नायक की आँख से टपकता बच्चे के लिए आँसू,
और विशाल, पथरीले पहाड़
उस की छाती पर जिसे नीचे उतरना ही है...

मैं जानती हूँ वह सब जो था और वह सब जो होगा,
मैं जानती हूँ यह मूक अकर्ण रहस्य,
जिस लोगों की अशिक्षित और अस्फुट भाषा
जीवन कहती है.


-- मारीना स्व्ताएवा



 मारीना स्व्ताएवा ( Marina Tsvetaeva ) बहुत प्रसिद्द रूसी लेखिका व कवयित्री थीं और उनको 20 वीं सदी के बेहतरीन रूसी साहित्यकारों में गिना जाता है. 18 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन 'ईवनिंग एल्बम' प्रकाशित हुआ. वे रूसी क्रांति व उसके बाद मास्को में पड़े अकाल के समय वहीँ थी. क्योंकी वे क्रांति के खिलाफ थी उन्हें निर्वासित कर दिया गया. कई साल वे अपने परिवार के साथ गरीबी की हालत में पेरिस, बेर्लिन्र व प्राग में रहीं. मास्को लौटने के बाद भी उन्हें शक की नज़र से देखा जाता रहा व उनके परिवार को कसी न किसी कारण से सताया जाता रहा, उनकी बेटी कई वर्ष जेल में रहीं, व पति को मार डाला गया. बिना किसी आर्थिक सहारे के व नितांत अकेलेपन में, उन्होंने आत्महत्या कर ली. 
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद आंद्रे नेल्लर ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

मंगलवार, जुलाई 17, 2012

सांझ

ईवनिंग एट आर्जेनतई, क्लौद मोने
Evening at Argenteuil, Claude Monet
सांझ धीरे-से पहन लेती है वस्त्र
जो उस के लिए,
लिए खड़ी है प्राचीन पेड़ों की एक कतार.
तुम देखते हो,
और दुनिया तुम से छूटने लगती है.
एक हिस्सा होता है स्वर्ग की ओर आरोहित,
बाकी नीचे कहीं गिर जाता है.

और तुम रह जाते हो,
दोनों में से किसी के पूरी तरह ना हो कर,
मौन घर की तरह एकदम अँधेरे नहीं
न ही अनंतता के बारे में आश्वस्त
जैसी कि है वह जो चमक रहा है
रात्री आकाश में अब,
प्रकाश का एक बिंदु.

तुम रह जाते हो,
उन कारणों से जो तुम समझा नहीं पाओगे,
एक ऐसे जीवन के साथ जो है व्याकुल और विशाल,
ताकि, कभी सीमित, कभी विस्तृत ,
वह बन जाता है तुम में अभी पत्थर, अभी तारा.


-- रायनर मरीया रिल्के



 रायनर मरीया रिल्के ( Rainer Maria Rilke ) जर्मन भाषा के सब से महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. वे ऑस्ट्रिया के बोहीमिया से थे. उनका बचपन बेहद दुखद था, मगर यूनिवर्सिटी तक आते-आते उन्हें साफ़ हो गया था की वे साहित्य से ही जुड़ेंगे. तब तक उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित भी हो चुका था. यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में ही छोड़, उन्होंने रूस की एक लम्बी यात्रा का कार्यक्रम बनाया. यह यात्रा उनके साहित्यिक जीवन में मील का पत्थर साबित हुई. रूस में उनकी मुलाक़ात तोल्स्तॉय से हुई व उनके प्रभाव से रिल्के का लेखन और गहन होता गुया. फिर उन्होंने पेरिस में रहने का फैसला किया जहाँ वे मूर्तिकार रोदें के बहुत प्रभावित रहे.यूरोप के देशों में उनकी यात्रायें जारी रहीं मगर पेरिस उनके जीवन का भौगोलिक केंद्र बन गया. पहले विश्व युद्ध के समय उन्हें पेरिस छोड़ना पड़ा, और वे स्विटज़रलैंड में जा कर बस गए, जहाँ कुछ वर्षों बाद ल्यूकीमिया से उनका देहांत हो गया. कविताओं की जो धरोहर वे छोड़ गए हैं, वह अद्भुत है. यह कविता उनके संकलन 'बुक ऑफ़ इमेजिज़ ' से है.
इस कविता का जर्मन से अंग्रेजी में अनुवाद जोआना मेसी व अनीता बैरोज़ ने किया है. 
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़