गुरुवार, दिसंबर 01, 2011

प्रेम का खेल

कपल एंड फिश, मार्क शगाल
Couple And Fish, Marc Chagall

मैं तुम से प्रेम करता हूँ 
मगर नहीं खेलता 
प्रेम का खेल.
मैं तुमसे लड़ता नहीं हूँ 
जैसे कि बच्चे
समुद्र की मछलियों को लेकर,
तुम्हारे लिए लाल मछली,
मेरे लिए नीली.
तुम सारी लाल और नीली मछलियाँ ले लो 
मगर बनी रहो मेरी प्रेमिका.
समुद्र ले लो,
किश्तियाँ ले लो 
ले लो यात्री,
लेकिन बनी रहो मेरी प्रेमिका.
मेरी सारी संपत्ति ले लो 
केवल एक कवि हूँ मैं 
मेरी सारी संपत्ति 
है मेरी कापियों में 
और है 
तुम्हारी प्यारी आँखों में.


-- निज़ार क़ब्बानी



 निज़ारक़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 वर्ष की आयु से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 50 से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे. यह कविता उनके संकलन 'वन हंड्रेड लव लेटर्ज़ ' से है.

इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद बस्सम के.फ्रंगिये व क्लेमनटीना आर. ब्राउन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़