द स्पेल इज ब्रोकन, जाकोमो बाल्ला The Spell is Broken, Giacomo Balla |
वह जो गाता था बिना रुके
वह जो नाचता था मेरे मन में
लड़कपन के उस नन्हे मतवाले ने
अपने जूते का फीता तोड़ लिया है
और मेले की सारी दुकाने
अचानक ढह गयी हैं
और मेले की इस निस्तब्धता में
मैंने सुनी तुम्हारी आवाज़
ख़ुशी से छलकती
टूटती-हुई कोमल आवाज़
सूनी, बच्चों जैसी
दूर से आती
मुझे पुकारती आवाज़
और मैंने अपने दिल पर रख लिया अपना हाथ
जहाँ खनक रहे थे
खून में लथपथ
तुम्हारी सितारों-सी हँसी के
सात कांच के टुकड़े
-- याक प्रेवेर
याक प्रेवेर ( Jacques Prévert )फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़