रविवार, अप्रैल 29, 2012

पुकारना किसी दूरस्थ जीव को

क्रिएशन ऑफ़ द वर्ल्ड. मिकलोजुस चिर्लोनिअस
Creation of the World, Mikalojus Ciurlionis 

झंकृत हुआ है फिर से वह एक स्वर 
लालसा की तार से 

जो सहसा तानी गयी है दोनों सिरों से 
और कसी गयी है बजाने के लिए 

वह ध्वनि जो नोची गयी है 
एक पंछी के गीत से भले ही वह पंछी 

अब तक शायद वहाँ हो 
जहाँ कोई पुकार नहीं कर सकती 

उसका पीछा 
और वह एक स्वर पुकारता रहता है 

अंतरिक्ष के भी पार और अब सुनाई देता है 
प्राचीन रात में और वहां जाना जाता है

जिस मौन को वह पुकारता है उसके द्वारा
एक मौन पहचाना जाता है


-- डब्ल्यू एस  र्विन 



W.S. Merwinडब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं.यह कविता उनके संकलन 'द शैडो ऑफ़ सिरिअस ' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

शुक्रवार, अप्रैल 27, 2012

मत होने दो विलीन इस प्रांजल पल को

ट्रुथ, मिकलोयुस चिर्लोनिय्स
Truth, Mikalojus Ciurlionis

मत होने दो विलीन इस प्रांजल पल को  
निःशब्दता में ठहरने दो दीप्त सोच को 
हालाँकि पन्ना लगभग भर चुका है और लौ थरथराती है अभी तक भी नहीं उठ पाए हैं हम अपने स्तर तक 
अक्ल दाढ़ की तरह विद्या धीरे-धीरे उगती है 
आदमी के कद-माप का निशान अभी भी 
लगाया जाता है एक सफ़ेद दरवाज़े पर बहुत ऊपर 
कहीं दूर से, आती है प्रफुल्लित, एक तुरही और एक गीत की, बिल्ली की तरह सिमटी, स्वयं में एकत्रित आवाज़
जो आगे बढ़ जाता है नहीं गिरता किसी रिक्ति में 
झोंकने वाला अभी भी झोंक रहा है कोयला आग में 
मत होने दो विलीन इस प्रांजल पल को 
किसी शुष्क कठोर वस्तु पर 
तुम्हें सत्य को उकेरना है.


-- आदम ज़गायेव्स्की



आदम ज़गायेव्स्की पोलैंड के कवि, लेखक, उपन्यासकार व अनुवादक हैं. वे क्रैको में रहते हैं मगर इन दिनों वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो में पढ़ाते हैं. वहां एक विषय जो वे पढ़ाते हैं वह है उनके साथी पोलिश कवि चेस्वाफ़ मीवोश की कविताएँ. उनके अनेक कविता व निबंध संकलन छ्प चुके हैं, व अंग्रेजी में उनकी कविताओं व निबंधों का अनुवाद भी खूब हुआ है.
इस कविता का मूल पोलिश से अंग्रजी में अनुवाद रेनाता गोर्च्न्सकी ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

बुधवार, अप्रैल 25, 2012

पेड़

चेस्टनट ट्री इन ब्लोस्सम, विन्सेंट वां गोफ
Chestnut Tree in Blossom, Vincent Van Gogh

पेड़ों पर पत्ते ऐसे फूट रहे हैं 
जैसे कहते-कहते कुछ कहने से रह गया हो;
नई कोंपलें आश्वस्त हो कर पसर जाती हैं,
उनकी हरियाली एक तरह का दुःख है.

क्या इसलिए कि उनका पुनर्जन्म होता है 
और हम बूढ़े होते जाते हैं? नहीं, वे भी मरते हैं,
नए दिखने का उनका यह वार्षिक खेल 
लिखा जाता है उनकी संरचना के वलयों में.

फिर भी, फिर भी हर मई के महीने में
एक पूर्ण घनेपन से उमगते हैं ये अविरत महल  
मानो कह रहे हों, पिछला साल मर चुका,
आओ नए सिरे से शुरू करें, फिर से, फिर से.



-- फिलिप लारकिन



 फिलिप लारकिन ( Philip Larkin )इंग्लैंड के, 20 वीं सदी के दूसरे हिस्से के, महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. ऑक्सफोर्ड से अंग्रेजी साहित्य में पढाई पूरी करने के बाद, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़  हल में लाइब्रेरियन की नौकरी की. उन 30 सालों के दौरान , उन्होंने अपनी कृति का एक बहुत बड़ा हिस्सा रच डाला. उनका पहला कविता संकलन 'द नोर्थ शिप' 1945  में प्रकाशित हुआ. 1946 में उन्होंने थोमस हार्डी की कविताएँ पढ़ी जिन का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा. हार्डी के साथ-साथ, येअट्स  और औडन की छाप भी उनकी कविताओं पर है. अपने दूसरे संकलन ' द लेस  डीसीवड' से वे कवि के रूप में स्थापित  हो गए. "द विटसन वेडिंग ज़" व "हाई विन्डोज़ " ने कविता की दुनिया में उनका वर्चस्व हो गया. लोगों से मिलना-जुलना उन्हें सख्त नापसंद था व ख्याति की भी कोई इच्छा नहीं थी. 1984  में जब उन्हें पोएट लौरीएट की उपाधि दिए जाने की बात चली, उन्होंने इनकार कर दिया, ये कहते हुए की उनकी म्यूज या उनकी प्रेरक शक्ति ने उनका साथ छोड़ दिया है. 1985 में उनका देहांत हो गया.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

सोमवार, अप्रैल 23, 2012

घास

वुमन सिटिंग इन द ग्रास, विन्सेंट वां गोफ
Woman Sitting in the Grass, Vincent Van Gogh


घास के मैदान.
उनको फूलते देखने का आश्चर्य 
और इतनी सुन्दर घास 
और इतनी तीक्ष्ण चाह.

एक द्रुत अनुक्रम में 
फिसल जाती है दुनिया 
हमारी उँगलियों के बीच से. 



-- विवियान चाम्पी



 विवियान चाम्पी इटली की कवयित्री व अनुवादक हैं. उनका जन्म फ्रांस में लियों में हुआ था. आजकल वे इटली के ज्नोआ शहर में रहती हैं. उन्होंने फ्रेंच से इतालियन में व इतालियन से फ्रेंच में खूब अनुवाद किया है जिस  में दोनों भाषाओं के कवियों व निबंधकारों के पूरे संकलन भी शामिल हैं. उनके इतालियन से फ्रेंच में किये गए असंख्य अनुवाद दुनिया भर की साहित्य पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं. वे 'इकार' व 'फिली द'आकिलोन' नामक दो ऑनलाइन पत्रिकाओं की संपादक हैं व एक कला और संस्कृति आधारित पत्रिका 'प्रोजेत्तो जेउम' की सह-संस्थापक भी हैं. 1998 से वे ज्नोआ के इंटरनैशनल पोएट्री फेस्टिवल से बतौर अनुवादक, इंटरप्रेटर व रीडर जुड़ी हुई हैं. अब तक  उनके 5 कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं. य ह कविता उनके संकलन 'इनचाम्पी' से है.
इस कविता का मूल इतालियन से फ्रेंच में अनुवाद रेमों फारिना ने किया है.
इस कविता का फ्रेंच से हिंदी मे अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शनिवार, अप्रैल 21, 2012

टिपण्णी

आटम लीव्ज़, आइसाक लेवितान
Autumn leaves, Isaac Levitan

जीवन ही एकमात्र रास्ता है
पत्तों से स्वयं को ढँक पाने का,
रेत को देख कर विस्मित होने का,
पंखों पर उड़ान भरने का;

एक कुत्ता होने का
या सहलाने का उसके गुनगुने रोयें;

जो कुछ भी दर्द नहीं है उस में से 
दर्द बता पाने का;

घटनाओं के भीतर घुस जाने का,
मतों में समय गंवाने का,
खोजने का उस गलती को
जिस के होने की संभावना सब से कम है.

यह जीवन एक अनोखा अवसर है 
याद करने के लिए पल-भर को 
वह बातें जो हुई थी
लेम्प के बुझ जाने के बाद;

और चाहे एक ही बार,
पत्थर से ठोकर खाने के लिए,
अंततः एक न एक बारिश में भीग जाने के लिए,

घास में अपनी चाबियाँ खो देने के लिए;
और हवा में उडती चिंगारी का 
अपनी आँखों से पीछा करने के लिए;
और किसी महत्वपूर्ण बात को 
न जानते रहने के लिए.


-- वीस्वावा शिम्बोर्स्का



 वीस्वावा शिम्बोर्स्का ( Wislawa Szymborska ) पोलैंड की कवयित्री, निबंधकार व अनुवादक हैं. उनकी युवावस्था लगभग संघर्ष में ही बीती -- द्वितीय विश्व-युद्ध और उसके पोलैंड पर दुष्प्रभाव, कम पैसे होने की वजह से पढाई छोड़ देना, छुट-पुट नौकरियां, पोलैंड में साम्यवाद का लम्बा दौर. इस सब के बावजूद उनकी साहित्यिक व कलात्मक गतिविधियाँ जारी रही. उन्होंने अख़बारों व पत्रिकाओं में मूलतः साहित्य  के विषय पर खूब लिखा. उन्होंने बहुत प्रचुरता में नहीं लिखा. उनकी केवल २५० कविताएँ प्रकाशित हुईं. लेकिन उनका काम इतना सराहनीय था की पूरे विश्व में पहचानी जाने लगी. 1996 में उन्हें नोबेल पुरूस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी कविताओं व निबंधों का अनेक भाषाओँ में अनुवाद किया गया है. 
इस कविता का मूल पोलिश से अंग्रेजी में अनुवाद स्तानिस्वाव बरंजाक व  क्लेर कावानाह ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

गुरुवार, अप्रैल 19, 2012

कवि पर्वत का स्वप्न देखता है

स्टार ऑफ़ द हीरो,
निकोलाई ररीह
Star of the Hero.
Nicholas Roerich
कभी-कभी मैं उकता जाती हूँ 
दिनों से और उनकी मनमौजी चाल से.
मैं चढ़ना चाहती हूँ किसी बूढ़े धूसर पर्वत पर, धीरे-धीरे, 
अपना बाकी का जीवन यूँ ही लगाती, अक्सर सुस्ताती,
सोती चीड़ के पेड़ों के तले, या उनके ऊपर, निर्वस्त्र चट्टानों पर.
जिस आकाश का दम हमने बरसों से घोंट रखा है, 
सब कुछ माफ़ करते हुए, मैं देखना चाहती हूँ 
कि उस में कितने तारे अभी भी बाकी हैं, 
और शांत होना चाहती हूँ,
जानने को जो अंतिम बात है, उसे जानना चाहती हूँ. 
यह सारी अत्यावश्यकता! धरती इसलिए तो नहीं है!
कितने मौन हैं पेड़, उनकी कविता उन्हीं की होती है,
मैं धीमे-धीमे कदम उठाना चाहती हूँ, और सोच ठीक रखना चाहती हूँ..
दस हज़ार सालों में, शायद, पर्वत का एक टुकड़ा गिर जाएगा.


-- मेरी ओलिवर 



Mary Oliver मेरी ओलिवर ( Mary Oliver )एक अमरीकी कव्यित्री हैं, जो 60 के दशक से कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. उनके 25 से अधिक कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं और बहुत सराहे गए हैं. उन्हें अमरीका के श्रेष्ठ सम्मान 'नेशनल बुक अवार्ड' व 'पुलित्ज़र प्राइज़' भी प्राप्त हो चुके हैं. उनकी कविताएँ प्रकृति की गुप-चुप गतिविधियों के बारे में हैं, जैसे वो धरती और आकाश के बीच खड़ीं सब देख रहीं हैं. और  उनकी कविताओं में उनका अकेलेपन  से प्यार, एक निरंतर आंतरिक एकालाप व स्त्री का प्रकृति से गहरा सम्बन्ध भी दिखाई देता है.

इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

मंगलवार, अप्रैल 17, 2012

आओ एक-दूसरे को छू लें

हियर वी मेक लव, पॉल गोगें
Here We Make Love, Paul Gauguin


आओ एक-दूसरे को छू लें
जब तक हैं हमारे पास हाथ,
हथेलियाँ, बाहें, कुहनियाँ...
आओ दुःख के लिए
एक-दूसरे को प्यार कर लें,
एक-दूसरे को यातना दें, यंत्रणा दें,
कुरूप कर दें, अपंग कर दें,
बेहतर याद रखने के लिए,
बिछड़ने के लिए कम पीड़ा के साथ.



-- वेरा पाव्लोवा



 वेरा पाव्लोवा ( Vera Pavlova ) रूस की सबसे प्रसिद्द समकालीन कवयित्री हैं. उनका जन्म मॉस्कोमें हुआ था. उन्होंने संगीत की शिक्षा ग्रहण की व संगीत के इतिहास विषय में विशेषज्ञता प्राप्त की. कुछ समय बाद ही उनकी कविताएँ प्रकाशित हुई और उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन का आरम्भ किया. उनके 14 कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं व रूस में उनकी किताबें खूब बिकती हैं. उन्होंने चार ओपेरा लिबेरेतोज़ के लिए संगीत लिखा है व कुछ बोल भी. उनकी कविताएँ 18भाषाओँ में अनूदित की गयी हैं. यह तीन कविताएँ उनके अंग्रेजी में अनूदित संकलन 'देयर इज समथिंग टू डिज़ायर' से हैं.
इन कविताओं का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीवन सेमूर ने किया है.

इन कविताओं का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

रविवार, अप्रैल 15, 2012

कविता का आरम्भ

स्टडी ऑफ़ स्काए, सेटिंग सन
यूजीन दलाक्रोआ
Study of Sky, Setting Sun
Eugene Delacroix
सब से बेहतर कुछ जो हुआ जा सकता है वह है क्षितिज.
           और दूसरे?          कुछ लोग सोचेंगे कि तुम पुकार हो 
                         दूसरे सोचेंगे कि तुम हो उसकी प्रतिध्वनि.
सब से बेहतर कुछ जो हुआ जा सकता है वह है
               
उजाले और अँधेरे की अनुपस्थिति का कारण होना 
जहाँ अंतिम शब्द तुम्हारे पहले होते हैं.
और दूसरे?       कुछ लोग तुम्हें सृजन की झाग की तरह देखेंगे
                          दूसरे सोचेंगे कि तुम हो सृजनकर्ता.
सब से बेहतर कुछ जो हुआ जा सकता है वह है लक्ष्य --
                                                  एक चौराहा
                                                  मौन और शब्दों के बीच.


-- अदुनिस


Adonis, Griffin Poetry Prize 2011 International Shortlist अली अहमद सईद अस्बार ( Ali Ahmed Said Asbar ), जो 'अदुनिस' ( Adonis )के नाम से लिखते हैं, सिरिया के प्रसिद्ध कवि व लेखक हैं. वे आधुनिक अरबी कविता के पथप्रदर्शक हैं, जिन्होंने पुरानी मान्यताओं से विद्रोह कर कविता के अपने ही नियम बनाये हैं. अब तक अरबी में उनकी 20से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनके अनेक कविता संग्रह अंग्रेजी में अनूदित किये जा चुके हैं. अभी हाल-फिलहाल में, अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में ही उन्हें 2011 के  गेटे ( Goethe) पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें जल्द ही नोबेल प्राइज़ भी मिलेगा , साहित्य जगत में इसकी उम्मीद व अटकलें खूब हैं, वे कई बार नामित भी किये गए हैं. यह कविता उनके संकलन 'द बुक ऑफ़ सिमिलैरीटीज़ एंड बिगिनिन्ग्ज़ ' से है.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद खालेद मत्तावा ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़

शुक्रवार, अप्रैल 13, 2012

दुःख किस लिए है?

शीव्ज़ ऑफ़ व्हीट,  विन्सेंट वान गोग
Sheaves of Wheat, Vincent Van Gogh

दुःख किस लिए है? वह एक गोदाम है
रखने के लिए
गेहूं, जौ, मक्का और आँसू.
एक गोल पत्थर पर पैर रख कर 
हम दरवाज़े तक जाते हैं. और गोदाम 
सभी दुःख के पाखियों को चुग्गा देता है.
और मैं अपने आप से कहता हूँ :
अंततः तुम भी दुःख चखोगे? 
आगे बढ़ो, पतझड़ में उल्लासित रहो, 
संयमी रहो, हाँ, स्थिर रहो, शांत ;
या दुखों की घाटी में अपने पंख फैला दो.


--- रोबर्ट ब्लाए 



 रोबर्ट ब्लाए ( Robert Bly ) अमरीकी कवि,लेखक व अनुवादक हैं. 36 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ, मगर उस से पहले साहित्य पढ़ते समय उन्हें फुलब्राईट स्कॉलरशिप मिला और वे नोर्वे जाकर वहां के कवियों की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में करने लगे. वहीं पर वे दूसरी भाषाओँ के अच्छे कवियों से दो-चार हुए - नेरुदा, अंतोनियो मचादो, रूमी, हाफिज़, कबीर, मीराबाई इत्यादि. अमरीका में लोग इन कवियों को नहीं जानते थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए और उन्होंने खूब अनुवाद भी किया है. अमरीका के वे लोकप्रिय कवि हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में उनके लिखे 80,000 पन्नों की आर्काइव है, जो उनका लगभग पचास वर्षों का काम है. यह कविता उनके संकलन 'टर्किश पियर्ज़ इन ऑगस्ट' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

बुधवार, अप्रैल 11, 2012

दोपहर के तीन बजे

ओरेंज ग्रोव, यात्सेक येर्खा
Orange Grove, Jacek Yerka
चौक 
और धधकते संतरे के पेड़,
बड़े-बड़े सूरजों से लदे हुए.

फिर छोटे-से स्कूल से आता शोर -- 
अचानक भर जाती है रूखी-सी हवा 
ठहाकों और चिल्लाहट से -

वह निरंकुश आनंद
जो बसता है निर्जीव शहरों के कोनों में!

और जो कुछ-कुछ हम भी थे 
बीते कल में 
स्वयं में अब भी जीवित पाते हैं,
जैसे इन पुरातन सड़कों के ठीक नीचे 
हो बहती नदी का स्पंदन...


-- डान पेटरसन



 डान पेटरसन ( Don Paterson ) स्कॉटलैंड के कवि,लेखक  व संगीतकार हैं. वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट एंड्रूज़ में अंग्रेजी पढ़ाते हैं, लन्दन के प्रकाशक 'पिकाडोर' के लिए पोएट्री एडिटर हैं और एक बेहतरीन जैज़ गिटारिस्ट हैं . अपने पहले कविता संकलन 'निल निल' से ही उन्हें पहचाना जाने लगा व अवार्ड मिलने लगे. अपने संकलन ' गाडज़ गिफ्ट टू विमेन ' के लिए उन्हें टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उनके एक और संकलन 'लैंडिंग लाईट ' को विटब्रेड पोएट्री अवार्ड व फिर से टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उन्होंने दूसरी भाषाओँ से अंग्रेजी में बहुत अनुवाद भी किया है जिन में से सबसे उल्लेखनीय स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो व जर्मन कवि रिल्के की रचनाएँ हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों का संपादन किया है, नाटक लिखे हैं व विशेष रूप से रेडियो नाटक लिखे हैं. यह कविता उनके संकलन 'आईज ' से है, जिसे  स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो की कविताओं का अनुवाद भी कहा जा सकता है, या कहा जा सकता है की ये कविताएँ, उनकी कविताओं से प्रेरित हैं.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

सोमवार, अप्रैल 09, 2012

अप्रैल और मौन

ऐज ऑफ़ वुड, स्प्रिंगटाइम , जोर्ज सरा
Edge of Wood, Springtime, Georges Seurat
वसंत उजड़ा हुआ है.
मखमली काली खाई
बिना कुछ सोचे 
रेंग रही है मेरे साथ-साथ.

दमकते दिख रहे हैं
तो केवल पीले फूल.

अपनी छाया में 
ऐसे ले जाया जा रहा हूँ मैं 
जैसे अपने काले डिब्बे में 
होता है वायलिन.

जो एक बात मैं कहना चाहता हूँ 
ऐसे चमकती है पहुँच से दूर 
जैसे लाला के यहाँ
गिरवी रखी चांदी.


-- तोमास त्रांसत्रोमर 



 तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्हें 2011 का नोबेल पुरुस्कार प्राप्त हुआ है. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए कई वर्षों से नामित किये जा रहे थे. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता उनके संकलन ' द सैड गोंडोला' से है.

इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद उनके कवि रोबेर्ट फुल्टन ने किया है.

इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

शनिवार, अप्रैल 07, 2012

मुझे लगा मैं मर रहा हूँ...

लवर्ज़ इन ग्रीन, मार्क शगाल
Lovers In Green, Marc Chagall
मुझे लगा मैं मर रहा हूँ, 
कुछ सर्द-सा बहुत करीब था, और 
मैं जानता था कि अपने पूरे जीवन में से, 
मैं केवल तुम्हें पीछे छोड़ आया हूँ 
मेरी धरती के दिन-रात थे तुम्हारे होंठ 
जो स्थापित किया था मेरे चुम्बनों ने 
वो गणराज्य थी तुम्हारी त्वचा. 

उस पल में सब किताबें रुक गयीं,
और दोस्ती,
लगातार एकत्रित किया खज़ाना, वह
पारदर्शी घर जो तुमने और मैंने बनाया था,
सिवाय तुम्हारी आँखों के, सब कुछ छूटता गया.

क्योंकि जिस समय जीवन हमें सताता है, प्रेम 
केवल एक ही लहर ऊंचा होता है दूसरी लहरों से,
ओह मगर जब मृत्यु आकर खटखटाती है द्वार,

उतनी रिक्तता के विरूद्ध होती है केवल तुम्हारी दृष्टि   
विलोपन  के विरूद्ध केवल तुम्हारा उजाला 
परछाइयों को रोक देने के लिए  केवल तुम्हारा प्रेम.


-- पाब्लो नेरुदा 




 पाब्लो नेरुदा ( Pablo Neruda ) को कौन नहीं जानता. वे चिली के कवि थे.कोलंबिया के महान उपन्यासकार गेब्रिअल गार्सिया मार्केज़ ने उन्हें ' 20 वीं सदी का, दुनिया की सभी भाषाओँ में से सबसे बेहतरीन कवि ' कहा है. 10वर्ष की आयु में उन्होंने कविताएँ लिखनी शुरू की. 19वर्ष की आयु में उनका पहला संकलन 'क्रेपेस्क्युलारियो ' प्रकाशित हुआ और उसके बाद उनकी प्रसिद्द प्रेम कविताएँ ' ट्वेंटी पोएम्ज़ ऑफ़ लव एंड अ सोंग ऑफ़ डेसपैर '. दोनों संकलन खूब सराहे गए और दूसरी भाषाओँ में अनूदित लिए गए. उनकी प्रेम कविताओं की तो सहस्रों प्रतियाँ आज तक बिक चुकी है. उनके पूरे लेखन काल में उनकी 50से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई और अनेक भाषाओँ में असंख्य अनुवाद हुए. 1971में उन्हें नोबेल प्राइज़ भी प्राप्त हुआ. यह कविता उनके संकलन '100 लव सोनेट्स ' से है. यह आठवां सोनेट है .
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीफन टैपस्कोट ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

गुरुवार, अप्रैल 05, 2012

मैं लिखता हूँ

मैन ड्राइंग और राइटिंग,
विन्सेंट वान गोग
Man Drawing or Writing,
Vincent Van Gogh

मैं लिखता हूँ 
चीज़ों को विस्फोटित करने के लिए; 
सब लेखन एक विस्फोट है
मैं लिखता हूँ
ताकि रोशनी अँधेरे से जीत जाए 
और कविता की विजय हो 
मैं लिखता हूँ
ताकि गेहूँ की डालियाँ मुझे पढ़ें
और पेड़ मुझे पढ़ें 
मैं लिखता हूँ 
ताकि गुलाब मुझे समझे,
और सितारा, और पंछी,
और बिल्ली, मछली, सीपियाँ और कस्तूरा.
मैं लिखता हूँ 
इस दुनिया को बचाने के लिए हलाकू के कुत्ता-दांतों से 
सेनाओं के शासन से 
गैंग के अगुआ के पागलपन से 
मैं लिखता हूँ
औरतों को बचाने के लिए तानाशाहों की कोठरी से 
मुर्दों के शहरों से 
बहुविवाह की प्रथा से 
दिनों की नीरसता से,
औपचारिकता से, दोहराव से.
मैं लिखता हूँ
शब्द को बचाने के लिए न्यायिक जांच से 
कुत्तों द्वारा सूंघे जाने से 
सेंसर की फांसी से 
मैं लिखता हूँ
जिस औरत को प्यार करता हूँ उसे बचाने के लिए 
उन शहरों से जहाँ कविता नहीं है
जहाँ प्रेम नहीं है
कुंठा और निराशा के शहर 
मैं लिखता हूँ उसे एक धुंध-भरा बादल बनाने के लिए 

केवल औरत और लिखना 
बचाते हैं हमें मरने से.


-- निज़ार क़ब्बानी



 निज़ार क़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 वर्ष की आयु से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 50 से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद लेना जाय्युसी और क्रिस्टोफर मिडल्टन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

मंगलवार, अप्रैल 03, 2012

फूलों की दुकान में

फलार मार्केट एट ला मादेलेन, एदुआर कोर्त
Flower Market at La Madeleine, Edouard Cortes
एक आदमी फूलों की दुकान में जाता है
और फूल चुनता है 
फूलवाली फूलों को बाँध देती है 
आदमी जेब में हाथ डालता है
पैसे निकलने के लिए
फूलों की कीमत चुकाने के लिए
अचानक
दिल पर हाथ रखता है
और गिर जाता है

जिस पल वो गिरता है
पैसे ज़मीन पर लुढ़कते हैं
और फिर फूल भी गिरते हैं
उसी समय जब आदमी गिरता है
उसी समय जब पैसे गिरते हैं
और फूलवाली ठगी-सी देखती जाती है
पैसों को जो गिर रहें हैं
फूलों को जो ख़राब हो रहे हैं
आदमी को जो मर रहा है
बेशक ये सब बहुत दुखद है
और कुछ करना चाहिए
फूलवाली को
मगर उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा
वह नहीं जानती
कहाँ से शुरू करे

कितना कुछ करना है
आदमी मर रहा है
फूल ख़राब हो रहे हैं
और ये सिक्के 
ये सिक्के लुढ़क रहे हैं
लुढ़कते जा रहे हैं

-- याक प्रेवेर


 याक प्रेवेर  ( Jacques Prévert )फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ  स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी  हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़ 

रविवार, अप्रैल 01, 2012

माथे पर चुम्बन

द किस, ओग्यूस्त रोदें
The Kiss, Auguste Rodin

माथे पर किया चुम्बन -- मिटा देता है दुःख.
मैं तुम्हारा माथा चूमती हूँ.

आँखों पर किया चुम्बन -- उड़ा देता है उनींदापन.
मैं तुम्हारी आँखें चूमती हूँ.

होंठों पर किया चुम्बन -- है पानी पीने जैसा.
मैं तुम्हारे होंठ चूमती हूँ.

माथे पर किया चुम्बन -- मिटा देता है स्मृति.



-- मारीना स्व्ताएवा 


 मारीना स्व्ताएवा ( Marina Tsvetaeva ) बहुत प्रसिद्द रूसी लेखिका व कवयित्री थीं और उनको 20 वीं सदी के बेहतरीन रूसी साहित्यकारों में गिना जाता है. 18 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन 'ईवनिंग एल्बम' प्रकाशित हुआ. वे रूसी क्रांति व उसके बाद मास्को में पड़े अकाल के समय वहीँ थी. क्योंकी वे क्रांति के खिलाफ थी उन्हें निर्वासित कर दिया गया. कई साल वे अपने परिवार के साथ गरीबी की हालत में पेरिस, बेर्लिन्र व प्राग में रहीं. मास्को लौटने के बाद भी उन्हें शक की नज़र से देखा जाता रहा व उनके परिवार को कसी न किसी कारण से सताया जाता रहा, उनकी बेटी कई वर्ष जेल में रहीं, व पति को मार डाला गया. बिना किसी आर्थिक सहारे के व नितांत अकेलेपन में, उन्होंने आत्महत्या कर ली.
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद इल्या कामिन्सकी व यौं वालोंतीन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़