शुक्रवार, अगस्त 24, 2018

तुम्हारी कविताओं में इतना अँधेरा क्यों है ?

विंड ब्लोन ग्रास अक्रॉस द मून, हिरोशिगे
Wind Blown Grass Across the moon, Hiroshige


तुम्हारी कविताओं में इतना अँधेरा क्यों है ?

क्या चाँद पर भी,
अधिकतर अँधेरा नहीं होता ?

और क्या 
अधूरा नहीं लगता 

सफ़ेद पन्ना
अक्षरों के धब्बों बिना?

जब ईश्वर ने कहा 'रोशनी हो!',
अँधेरे को बहिष्कृत तो नहीं किया. 

बल्कि रचे उसने 
आबनूस और कौवे 

और तुम्हारी बाईं गाल 
पर वह छोटा-सा तिल. 

या तुम पूछना यह चाहते हो कि 
"तुम अक्सर उदास क्यों रहती हो?"

पूछो चाँद से.
पूछो वह किन बातों का साक्षी है.

-- लिंडा पास्तान 








लिंडा पास्तान (Linda Pastan) यहूदी मूल की अमरीकी कवयित्री हैं. वे अक्सर छोटी कवितायेँ लिखती हैं जिन के विषय गृहस्थ जीवन, मातृत्व, स्त्री विमर्श से लेकर मृत्यु, खोना, खोने का भय और जीवन एवं रिश्तों की क्षणभंगुरता हैं. उनकी कविताओं के 15 संकलन प्रकाशित हो चुके हैं जिनके लिए उन्हें कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं. 1991-1995 तक वे मेरीलैंड की पोएट लॉरीएट रह चुकी हैं. उनके हाल में प्रकाशित काव्य संकलन हैं -- इंसोम्निया, ट्रेवलिंग लाइट और ा डॉग रनज़ थ्रू इट। 
इस कविता का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 


सोमवार, जुलाई 23, 2018

अनुमति

स्पाइडर, लिओनोरा कैरिंगटन 
मैंने एक मकड़ी को मार डाला 
नहीं थी वह कोई भूरी घातक एकांतवासी 
न ही विषैली काली 
और सच कहूँ तो
छोटी-सी थी 
नाज़ुक कागज़ की-सी  
जिसे तभी भाग जाना चाहिए था 
जब मैंने किताब उठाई,
मगर नहीं भागी 
और मैं उससे डर गयी  
और मैंने उसे कुचल दिया 

नहीं लगता मुझे 
कि है अनुमति 
 
मुझे किसी की हत्या करने की

केवल इसलिए 
कि मैं उससे डरती हूँ 


-- निक्की जोवान्नी








योलेंद कॉर्नीलिया "निक्की" जोवान्नी Yolande Cornelia "NikkiGiovanni) अमरीकी लेखिका, कवयित्री, शिक्षक व एक्टिविस्ट हैं. उनका नाम विश्व के जाने-माने अफ़्रीकी-अमेरिकी कवियों में शामिल हैं. उनके कविता संग्रहों, रिकॉर्डिंग्स एवं निबंधों में जाति व समाज प्रमुख विषय हैं. उन्हें लैंग्स्टन ह्यूज़ मैडल एवं एन ए ए सी पी इमेज अवार्ड सहित कई पुरूस्कार प्राप्त हुए हैं. 1960 के दशक में उन की ख्याति धीरे-धीरे तब बढ़ी जब उन्होंने 'ब्लैक आर्ट्स मूवमेंट' का नेतृत्व किया. उनकी आरंभिक कविताएँ उस समय की सिविल राइट्स मूवमेंट और ब्लैक पावर मूवमेंट से अत्यधिक प्रभावित हैं और इस कदर आक्रामक अफ्रीकी-अमरीकी दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं कि उन्हें 'पोएट ऑफ़ द ब्लैक रेवोल्यूशन' कहा जाने लगा. 1970 के दशक में उन्होंने बाल-साहित्य लेखन आरम्भ किया और साझेदारी में एक प्रकाशन कंपनी खोली जो की अन्य अफ्रीकी-अमेरिकी स्त्रियों के लेखन के अवसर प्रदान करती थी. उनकी बाद की कविताओं में सामाजिक मुद्दे, मानवीय रिश्ते व हिप-हॉप जैसे विषय प्रमुख रहे. क्वीन्ज़ कॉलेज, रटगर्ज़, ओहायो स्टेट विश्वविद्यालय के बाद, इन दिनों वे वर्जिनिया टेक में युनिवेर्सिटी डिस्टिंगुइशेड प्रोफेसर हैं.

इस कविता का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़