लेंथनिंग शैडोज़, विलर्ड मेटकाफ़ Lengthening Shadows, Willard Metcalfe |
श्रद्धा का अर्थ है
कि कोई देखता है
ओस की बूँद को या तैरते पत्ते को
और जानता है
कि वे हैं, क्योंकि उन्हें होना ही है.
और चाहे तुमने देखे हों सपने,
या आँखें मूँद के मांगी हो मन्नत,
यह दुनिया फिर भी वही रहेगी जो वह थी,
और नदी फिर भी पत्ते को बहा ले जाएगी.
इस का अर्थ है कि जब नुकीले पत्थर से
आहत होता है किसी का पैर
वह जानता है कि पत्थर होते ही हैं
ताकि कर सकें पैरों को आहत.
देखो, देखो वह पेड़ की लम्बी छाया;
और फूलों की और लोगों की छाया भी
धरती पर है पड़ती :
जिसकी कोई छाया नहीं
उस में नहीं है जीवन जीने की शक्ति.
-- चेस्वाफ़ मीवोश
चेस्वाफ़ मीवोश (Czeslaw Milosz) पोलैंड के प्रसिद्द कवि, लेखक व अनुवादक थे. उनका जन्म लिथुएनिया में हुआ था और वे पांच भाषाएँ जानते थे -- पोलिश, लिथुएनिअन,रशियन, अंग्रेजी व फ्रेंच. द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात,1951 में उन्होंने पोलैंड छोड़ फ्रांस में आश्रय लिया, और 1970 में अमरीका चले गए. वहां वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया में पोलिश साहित्य के प्रोफ़ेसर रहे. उनके 40 से भी अधिक कविताओं व लेखों के संकलन प्रकाशित हुए हैं व कई भाषाओँ में अनूदित किये गए हैं. अन्य कई सम्मानों सहित उन्हें 1980 में नोबेल प्राइज़ भी मिल चुका है.
इस कविता का मूल पोलिश से अंग्रेजी में अनुवाद रोबेर्ट हास व रोबेर्ट पिन्सकी ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़