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लैंडस्केप, पॉल गौगैं Landscape, Paul Gauguin |
क्योंकि बारिश होने लगी है अचानक,
नन्हीं-नन्हीं बूँदें.
होने लगी है या हुई थी. निस्संदेह,
बारिश वही है जो अतीत में होती है.
जिसने उसे गिरते हुए सुना है,
उसने वापिस पा लिया है वह समय
जब एक आकस्मिक आनंद ने उसके समक्ष
प्रत्यक्ष किया था एक फूल,
जिसका नाम था गुलाब,
और उसकी रंगत की अनोखी लालिमा.
यह बारिश जो खिड़की के शीशों को
धुँधला देती है
अवश्य करेगी हर्षित नगर के खो चुके टोलों में
बेल पर लटके काले अंगूरों को
उस आँगन में जो अब नहीं है. और यह भीगी
दोपहर लौटा लाती है वह स्वर
मेरे पिता का वह इच्छित स्वर
मेरे पिता जो लौट आते हैं और जो मृत नहीं हैं.
-- होर्खे लुईस बोर्खेस
इस कविता का स्पैनिश से अंग्रेजी में अनुवाद हैरोल्ड मोर्लैंड ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़