प्रियेर, मार्क शगाल Prière, Marc Chagall |
वह बनता है रेल.
वह सीटी बनती है.
वे निकल पड़ते हैं.
वह बनता है रस्सी.
वह पेड़ बनती है.
वे झूल जाते हैं.
वह बनता है सपना.
वह पंख बनती है.
वे उड़ जाते हैं.
वह बनता है सेनापति.
वह सेना बनती है.
खेल-खेल में
वे कर देते हैं युद्ध की घोषणा.
-- दून्या मिखाइल
दून्या मिखाइल ( Dunya Mikhail )एक इराकी-अमरीकी कवयित्री हैं. वे अरबी में लिखतीं हैं व उनकी कविताएँ इराक के हालात , युद्ध, युद्ध से प्रभावित जीवन व विस्थापन के बारे में हैं. अरबी में उनकी कविताओं के पांच संकलन प्रकाशित हुए हैं. उनकी अंग्रेजी में अनूदित कविताओं के दो संकलन प्रकाशित हुए हैं, जिन में 'द वार वर्क्स हार्ड' को PEN ट्रांसलेशन अवार्ड मिला व 'डायरी ऑफ़ अ वेव आउटसाइड द सी' को अरब अमेरिकेन बुक अवार्ड मिला है. 2001 में उन्हें यू एन ह्यूमन राइट्स अवार्ड फॉर फ्रीडम ऑफ़ राइटिंग प्राप्त हुआ.
वे 1996 से अमरीका में रहती हैं व अरबी पढ़ाती हैं.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद इलीज़ाबेथ विन्ज्लो ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़