स्नो कवर्ड फील्ड्ज़ इन आर्ल, विन्सेंट वान गोग Snow Covered Fields In Arles, Vincent Van Gogh |
1
किसी से बात करना,
तो पहले पूछना सवाल,
फिर -- सुनना.
2
यह हमारा नर्गिस
आईने में अपना चेहरा देख नहीं सकता
क्योंकि वह स्वयं ही बन गया है आईना.
3
ढूंढो अपने दूसरे अर्धांश को
जो हमेशा चलता है तुम्हारे साथ
और अक्सर वो होता है जो तुम नहीं हो.
4
पानी अच्छा है, प्यास भी;
छाया अच्छी है, धूप भी;
रोज़मेरी का शहद
और शहद खाली खेतों का.
5
जागो, कवियों:
प्रतिध्वनियों का अंत होने दो,
होने दो आवाजों का आरम्भ.
6
जिन आँखों के लिए तुम तरस रहे हो --
अब सुनो --
जिन आँखों में तुम स्वयं को देखते हो
वे आँखें हैं क्योंकि वे तुम्हें देखती हैं.
7
अगर कोई कविता आम हो जाती है,
एक हाथ से दूसरे हाथ जाती है, तो ठीक है:
सिक्कों के लिए सोना ही चुना जाता है.
8
जब मैं अकेला होता हूँ
कितने पास होते हैं मेरे दोस्त;
जब मैं उनके साथ होता हूँ,
कितनी दूर होते हैं वे!
9
तो कहो कवि, क्या है तुम्हारी भविष्यवाणी?
" जो मूक है वह बोलेगा कल
मानवीय मन और पत्थर. "
10
मगर कला?
वह विशुद्ध और गहन खेल है,
तो वह विशुद्ध और गहन जीवन जैसा है,
तो वह विशुद्ध और गहन अग्नि जैसे है.
तुम्हें दिख जायेगा कोयला सुलगता हुआ.
-- अंतोनियो मचादो
-- अंतोनियो मचादो
अंतोनियो मचादो ( Antonio Machado )20 वीं सदी के आरम्भ के स्पेनिश कवि थे. युवावस्था में पेरिस में बिताया समय व फ्रांस के सैम्बोलीस्त कवियों से मिलना-जुलना, उनके कवि होने का सबसे बड़ा कारण बना. 20 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन 'सोलेदाद' छप चुका था. उनकी कविताओं में जहाँ एक तरफ अंतर्दृष्टि व अन्तरावलोकन दिखाई देता है, वहीँ दूसरी तरफ स्पेन के लोगों का जीवन व मानसिकता झलकती है. उनके कई कविता संकलन प्रकाशित हुए व अनेक कविताओं का दूसरी भाषाओँ में अनुवाद भी हुआ.
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद राबर्ट ब्लाए ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़