स्टिल लाइफ विद ओरंजिज़, इल्या माशकोव Still life with Oranges, Ilya Mashkov |
काम की?
अगर हम धोते हैं सफ़ेद कपडे:
दिन होता है
गहरे रंग के कपड़े:
रात होती है
अगर तुम चाक़ू से कर देते हो
संतरे के दो टुकड़े:
दिन
अपनी उँगलियों से खोलते हो अगर तुम
पकी हुई अंजीर:
रात
अगर हम छलकाते हैं पानी:
दिन
फैलाते हैं मदिरा अगर हम:
रात
जब हम सुनते हैं टोस्टर का अलार्म
या गाने का प्रयास करते
छोटे से जानवर-सी केतली को:
दिन
जब हम खोलते हैं कुछ धीमी किताबें
और शराब, सिगरेट और मौन की कीमत पर
उन्हें प्रज्ज्वलित रखते हैं:
रात
अगर हम चाय में चीनी मिलाते हैं:
दिन
चाय फीकी ही रहने देते हैं अगर:
रात
अगर हम घर को झाड़ते-बुहारते हैं:
दिन
गीले कपडे से उसको पोंछते है अगर:
रात
अगर हमें होती हैं माइग्रेन, खाज, एलर्जी:
दिन
होता है हमें बुखार, ऐंठन, सूजन अगर:
रात
एस्प्रिन, एक्स-रे, पेशाब टेस्ट:
दिन
पट्टियाँ, दबाना, लेप:
रात
अगर मैं जमे हुए शहद को पिघलने के लिए धीमी आंच पर चढ़ाऊँ
या गिलास साफ़ करने के लिए नीम्बुओं का इस्तेमाल करूँ:
दिन
सेब खाने के बाद
बस ऐसे ही मैं रख लूँ अगर उनका गहरा जामुनी लिफाफा:
रात
अगर मैं अण्डों की सफेदी को फेंट-फेंट कर बर्फ बना दूँ:
दिन
बड़े-बड़े चुकंदर पकाऊँ मैं अगर:
रात
अगर हम पेंसिल से लिखे लाइनदार कागज़ पर:
दिन
अगर हम मोड़ दें पन्नों को या बना दें मोड़ने का निशान:
रात
(चोटियाँ और विस्तार:
दिन
परतें और सिलवटें:
रात)
अगर तुम भूल जाओ रख कर अवन में पीला
केक:
दिन
अगर तुम छोड़ दो उबलने के लिए पानी को
अकेला:
रात
अगर खिड़की से समुद्र दिखता है शांत,
सुस्त और चिकना
जैसे हो तेल की गढैया:
दिन
अगर वह उग्र है
पागल कुत्ते-सा
झाग उगल रहा है:
रात
अगर एक पेंगुइन पहुँच जाए ब्राज़ील के इपानेमा में
और गर्म रेत पर लेट कर महसूस करे अपने सर्द दिल का
उबलना:
दिन
अगर भाटे के समय एक व्हेल मछली अटक जाए धरा पर
और ओपेरा में जैसे गाते हैं वैसे ही गाते-गाते
मर जाए, साँवली-सी, भारी:
रात
अगर तुम धीमे-धीमे खोलती हो
अपने सफ़ेद ब्लाउज़ के बटन:
दिन
अगर हम निर्वस्त्र होते हैं हड़बड़ी में
बनाते हुए अपने आस-पास कपड़ों का उत्कट घेरा:
रात
अगर एक चमकीला हरा कीड़ा बार-बार टकराता है
कांच से:
दिन
अगर एक मधुमक्खी रति-क्रिया से दिग्भ्रमित
कमरे के चक्कर काटती है:
रात
भला घड़ी हमारे किस
काम की?
-- एना मार्चीस मर्केस
एना मार्चीस मर्केस (Ana Martins Marques) ब्राज़ील की कवयित्री हैं व पुर्तगाली भाषा में लिखती हैं. उन्होंने मीनास जेराइस विश्वविद्यालय से तुलनात्मक साहित्य में पी एच डी प्राप्त की है. अभी तक उनके दो कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं -- "आ वीदा सुबामारीना" व "दा आर्चा दाइस आह्रमाजीलियास". अपने दूसरे कविता संकलन के लिए उन्हें ब्राज़ील के राष्ट्रीय पुस्तकालय से साहित्य का महत्वपूर्ण पुरूस्कार प्राप्त हुआ था व पोर्तुगल टेलिकॉम लिटरेरी अवार्ड की शार्ट-लिस्ट में भी वह संकलन शामिल था.
इस कविता का मूल पोर्त्युगीज़ से अंग्रेजी में अनुवाद एलिजा वोउक़ अल्मीनो ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़