फारेस्ट, इवान शिशकिन Forest, Ivan Shishkin |
तुम्हारे जीवन की किरणों में से एक के साथ
चलते-चलते.
जंगल के बीचोंबीच पानी रोकता है मुझे,
बारिश, जो गिरती है साथ लेकर अपना आकाश.
फिर मैं स्पर्श करता हूँ उस मन को जो गिरा था, बरसता हुआ:
वहाँ मैं जानता हूँ वे तुम्हारी आँखें थीं
जो बेध गई थीं मुझे, ले गई थीं मेरे दुःख के विशाल अंतरतम तक.
और उभरती है केवल एक छाया की फुसफुसाहट,
कौन है? कौन है?, मगर उसका कोई नाम नहीं है,
उस पत्ते या काले पानी का जो टिपटिपाता है
जंगल के बीचोंबीच, रास्तों के साथ-साथ
बहरा हो कर चलता है :
तो, प्रिय, मैं जानता था कि मैं घायल हूँ,
और कोई नहीं बोला वहाँ,
छायाओं के, भटकती रात के,
बारिश के चुम्बन के सिवाय.
-- पाब्लो नेरुदा
पाब्लो नेरुदा ( Pablo Neruda ) को कौन नहीं जानता. वे चिली के कवि थे.कोलंबिया के महान उपन्यासकार गेब्रिअल गार्सिया मार्केज़ ने उन्हें ' 20 वीं सदी का, दुनिया की सभी भाषाओँ में से सबसे बेहतरीन कवि ' कहा है. 10वर्ष की आयु में उन्होंने कविताएँ लिखनी शुरू की. 19वर्ष की आयु में उनका पहला संकलन 'क्रेपेस्क्युलारियो ' प्रकाशित हुआ और उसके बाद उनकी प्रसिद्द प्रेम कविताएँ ' ट्वेंटी पोएम्ज़ ऑफ़ लव एंड अ सोंग ऑफ़ डेसपैर '. दोनों संकलन खूब सराहे गए और दूसरी भाषाओँ में अनूदित लिए गए. उनकी प्रेम कविताओं की तो सहस्रों प्रतियाँ आज तक बिक चुकी है. उनके पूरे लेखन काल में उनकी 50से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई और अनेक भाषाओँ में असंख्य अनुवाद हुए. 1971में उन्हें नोबेल प्राइज़ भी प्राप्त हुआ. यह कविता उनके संकलन '100 लव सोनेट्स ' से है. यह सत्तरवां सोनेट है .
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीफन टैपस्काट ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़