मंगलवार, अगस्त 14, 2012

सोचने की बातें

सनसेट, डियर एंड रिवर, अल्बर्ट बियरशटाट
Sunset, Deer and River, Albert Bierstadt
इस तरह सोचो
जैसे तुमने पहले कभी ना सोचा हो.
अगर फ़ोन की घंटी बजे,
तो सोचो की तुम्हारे लिए कोई सन्देश आया है
जो तुमने कभी ना सुना हो उस से भी बड़ा
यीट्स की सौ पंक्तियों से भी बृहत्.

सोचो कि कोई तुम्हारे द्वार पर
एक भालू ले आये
शायद घायल और पागल;
या सोचो कि एक हिरन
झील में से उभरा है,
और अपने सींगों पर लिए चल रहा है
तुम्हारा अपना ही बच्चा जिसे तुमने कभी नहीं देखा.

जब कोई द्वार खटखटाता है,
सोचो कि वह तुम्हें देने वाला है
कुछ बहुत बड़ा: तुम्हें बताने वाला है कि तुम्हें माफ़ कर दिया गया,
या कि हर समय काम करना आवश्यक नहीं है,
या कि फैसला हो चुका है कि अगर तुम लेट जाओगे, कोई मर नहीं जायेगा.


-- रोबर्ट ब्लाए


 रोबर्ट ब्लाए ( Robert Bly ) अमरीकी कवि,लेखक व अनुवादक हैं. 36 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ, मगर उस से पहले साहित्य पढ़ते समय उन्हें फुलब्राईट स्कॉलरशिप मिला और वे नोर्वे जाकर वहां के कवियों की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में करने लगे. वहीं पर वे दूसरी भाषाओँ के अच्छे कवियों से दो-चार हुए - नेरुदा, अंतोनियो मचादो, रूमी, हाफिज़, कबीर, मीराबाई इत्यादि. अमरीका में लोग इन कवियों को नहीं जानते थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए और उन्होंने खूब अनुवाद भी किया है. अमरीका के वे लोकप्रिय कवि हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में उनके लिखे 80,000 पन्नों की आर्काइव है, जो उनका लगभग पचास वर्षों का काम है. यह कविता उनके संकलन 'मोर्निंग पोएम्ज़' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़