सोमवार, मार्च 12, 2012

रोशनी बहती आती है

थैचेड काटेजीज़ इन सनशाइन, विन्सेंट वान गोग
Thatched Cottages in Sunshine, Vincent Van Gogh

खिड़की के बाहर, वसंत का लम्बा-सा जीव
धूप का पारदर्शी दैत्य 
तेज़ी से निकल जाता है पास से एक अंतहीन 
लोकल ट्रेन की तरह -- 
उसके सर की तो झलक भी नहीं दिखती.

केकड़ो की तरह घमंड से भरे तिरछे-तिरछे 
घिसटते हैं समुद्र किनारे के बंगले.
मूर्तियाँ धूप को देख कर पलकें झपकती हैं.

अंतरिक्ष का प्रचंड अग्नि-सागर 
बदल के बन जाता है प्रेम-स्पर्श.
उलटी गिनती शुरू हो चुकी है.


-- तोमास त्रांसत्रोमर 



                               
तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्हें 2011 का नोबेल पुरुस्कार प्राप्त हुआ है. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए कई वर्षों से नामित किये जा रहे थे. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता उनके संकलन ' द सैड गोंडोला' से है.

इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद उनके कवि रोबेर्ट फुल्टन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़