रविवार, मार्च 31, 2013

एकालाप

हार्ट (द मेमोरी ), फ्रीदा काहलो
Heart (The Memory), Frida Kahlo

मन
जैसा कि हम कहते हैं
और अक्षरशः मानते हैं
और तुम उसे

सुनते हो 
जब हम बोलते हैं
क्योंकि जो स्वर संबोधित करता है तुम्हें
वह तुम्हारा अपना ही है 

हालाँकि अब हम जानते हैं
कि वह तुम
जिस से हम बात कर रहे हैं
वह नहीं है
जिसकी हम कल्पना करते हैं
फिर भी हम दिन प्रतिदिन 

बताते जाते हैं तुम्हें
उस के बारे में
जो हम कल्पना करते हैं
कि हम हैं 

और तुम्हें बताते-बताते भूलते जाते हैं 
सीखते हैं आनंद से भी
मगर भूलते जाते हैं
और जो बोल रहा है 

तुम कान् देते हो उसकी बात् पर्
तुम्हें सब सुनाई देता है
मगर तुम सुनते नहीं हो 


-- डब्ल्यू एस मर्विन 



W.S. Merwin डब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं
.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शुक्रवार, मार्च 29, 2013

लगभग अच्छे हो कर

द हीथ विद अ व्हीलबैरो, विन्सेंट वां गोग
The Heath with a Wheelbarrow, Vincent Van Gogh

कटीली झाड़ियों ने मुझे लहुलुहान किया,
दरारों से भर दिया पाले ने मेरे मन-प्राण को

और मैंने कहा कि यह झाड़ियों-भरा मैदान
अभिशप्त है, मनहूस है, आशाविहीन है

अब मैं जानता हूँ
कि यह एक स्थान है जहाँ असंगतियाँ
संगत हो जाती है

कि आग पत्थर में छिप कर सो सकती है या
निकल सकती है सांप के विषैले दांतों में से

मेरे दोस्तों, अन्य कितनी चीज़ों की तरह
अपने स्वप्न में
मैं तुम्हें खो चुका था 

देखो हम फिर मिल गए हैं
मुस्कुराते हुए, दुनिया की देहरी पर,
लगभग अच्छे हो कर.


-- क्लौद एस्तेबान



 क्लौद एस्तेबान (Claude Esteban) एक फ्रेंच कवि , निबंधकार व अनुवादक थे। वे फ्रेंच व स्पेनिश दोनों भाषाओं में सिद्धहस्त थे। पिछली सदी के दूसरे हिस्से के प्रमुख कवियों में से एक, वे अपने पीछे महत्वपूर्ण कृति छोड़ गए हैं। उन्होंने कला व कविता पर असंख्य निबंध लिखे व स्पैनिश भाषा के प्रमुख कवियों ओक्टावियो पास, बोर्खेस, लोर्का इत्यादि की कविताओं व लेखन का अनुवाद किया। आरम्भ में वे फ्रेंच कला व साहित्य की पत्रिकाओं में लेख लिखते रहे। 1968 में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ --'ला सेजों देवास्ते '.इसके बाद उनके कई संकलन प्रकशित हुए, वे प्रसिद्द कलाकारों के लिए उनकी प्रदर्शनियों के कैटालोग के लिए प्रस्तावनाएँ लिखते रहे। स्पेनी कवि होर्खे गुइयें से उनकी अच्छी दोस्ती हो गई व उन्होंने उनके कृत्य का  फ्रेंच में खूब अनुवाद किया। 1984 में उन्हें अपनी गद्य कविताओं के लिए मालार्मे पुरूस्कार प्राप्त हुआ। कला में उन्हें गहरी रूचि रही और 1991 में उन्हें एडवर्ड हापपर के चित्रों से प्रेरित कविता संकलन '
सोलई दौन्ज़ युन पीएस वीद ' के लिए फ्रांस कल्चर प्राइज़ प्राप्त हुआ। उनके 13 कविता संकलन, कई निबंध व अनेक अनुवाद प्रकाशित हुए,. यह कविता उनके संकलन 'पोएम इनेदी' से है. 

इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

सोमवार, मार्च 25, 2013

अब क्या होगा?

जब तुम छोटी थीं,
हम सोते हुए देखते थे तुम्हें,
साँसों की लहरें
भरती थीं तुम्हारी छाती को.
कभी-कभी हम छिप जाते थे
तुम्हारी बच्ची-दीवार की, तुम्हारी
बच्ची आवश्यकताओं के नर्म पालने की
ओट में.
मुझे कितना अच्छा लगता था,
अपनी देह और दुनिया के बीच
तुम्हें उठा कर चलना.

अब तुम पेंसिलें छीलने लगी हो,
कदम रखने लगी हो
टिफ़िन बॉक्सों और छोटे डेस्कों के जंगल में.
जिन लोगों को मैंने कभी देखा तक नहीं
वे नाम से पुकारते हैं तुम्हें
और तुम हाथ हिल देती हो.

एक कमी सी लगने लगी है मुझे,
एक सिकुड़न,
जैसे-जैसे तुम्हारा गुलाबों भरा मैदान
फैल रहा है, फैलता जा रहा है...

अब समझ पा रही हूँ इतिहास को.
अब समझ पा रही हूँ अपनी माँ की
प्राचीन आँखें.


-- नाओमी शिहाब नाए 



 नाओमी शिहाब नाए ( Naomi Shihab Nye )एक फिलिस्तीनी-अमरीकी कवयित्री, गीतकार व उपन्यासकार हैं. वे बचपन से ही कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. फिलिस्तीनी पिता और अमरीकी माँ की बेटी, वे अपनी कविताओं में अलग-अलग संस्कृतियों की समानता-असमानता खोजती हैं. वे आम जीवन व सड़क पर चलते लोगों में कविता खोजती हैं. उनके 7 कविता संकलन और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक अवार्ड व सम्मान प्राप्त हुए हैं. उन्होंने अनेक कविता संग्रहों का सम्पादन भी किया है. 


इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शनिवार, मार्च 23, 2013

गीत

स्टिल लाइफ विद लैंप, मार्क शगाल
Still Life with Lamp, Marc Chagall
कहीं से
आता है संगीत का एक शांत स्वर.
तुम संभालते हो उसे जीभ पर,
अँगूर के एक पके दाने की तरह,
जब तक कि
दमकने न लगे तुम्हारी पूरी देह.
दो साँसों के बीच के अन्तराल में
तुम लगाते हो उसे किसी घाव पर
और घाव भरने लगता है.

कुछ दिनों में रातें लम्बी होने लगेंगी,
आरे की तरह गुनगुनाते
तुम झुक जाओगे साल पर.
तुम भरोगे लालटेनों में मिट्टी का तेल,
मन में कहीं यह जानते हुए
कि टूटेगा बिजली का तार कहीं,
शहर अँधेरे में डूब जाएगा,
लोग खोजेंगे मोमबत्तियाँ निचले दराजों में.
तुम तैयार रहोगी. तुम अपने गीत को
इस्तेमाल करोगी माचिस की तीली की तरह.
वह भर देगा तुम्हारे कमरों को,
खोलेगा अपने स्वयं के कमरे
ताकि तुम गाती रहो, मुझे नहीं पता था
कि मेरा घर इतना बड़ा है.


-- नाओमी शिहाब नाए 



 नाओमी शिहाब नाए ( Naomi Shihab Nye )एक फिलिस्तीनी-अमरीकी कवयित्री, गीतकार व उपन्यासकार हैं. वे बचपन से ही कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. फिलिस्तीनी पिता और अमरीकी माँ की बेटी, वे अपनी कविताओं में अलग-अलग संस्कृतियों की समानता-असमानता खोजती हैं. वे आम जीवन व सड़क पर चलते लोगों में कविता खोजती हैं. उनके 7 कविता संकलन और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक अवार्ड व सम्मान प्राप्त हुए हैं. उन्होंने अनेक कविता संग्रहों का सम्पादन भी किया है. 


इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

बुधवार, मार्च 20, 2013

बिजली

आलमंड ट्री इन ब्लॉसम, विन्सेंट वान गोग
Almond Tree in Blossom, Vincent Van Gogh
बारिश हुई थी, उस रात.
सड़क से गीली घास की खुशबू आ रही थी.
और, एक बार फिर, गर्मी ने
रख दिया था हमारे काँधे पर अपना हाथ
मानो कह रही हो कि समय
हमसे अभी कुछ छीनने नहीं जा रहा है.
मगर वहाँ
मैदान जहाँ जाकर टकराता है बादाम के पेड़ से,
देखो, एक मृग-छौना पत्तों पर से
कल से लेकर आज तक
कुलाँचे भरता निकला था.
और हम रुक गए थे, अलौकिक था वह सब,
और मैं तुम्हारे निकट आया था,
खींच के दूर किया था मैंने तुम्हें पेड़ के काले तने से,
उस टहनी से जिस पर बिजली गिरी थी,
जिस में से कल का रस, अब तक दैवी, बह रहा था.


-- ईव बोन्नफ़ोआ 



                                     ईव बोन्नफ़ोआ एक फ़्रांसिसी कवि एवं निबंधकार हैं. युद्धोपरांत के फ्रांसीसी साहित्य में उनकी रचनाओं का महत्वपूर्ण स्थान है .थोड़े समय के लिए वे स्यूरेयालीस्त आन्दोलन से भी जुड़े थे, मगर जल्द ही उन्होंने ने अपना एक निजी मुहावरा विकसित किया.उनकी कविताओं में एक सादगी है जो अक्सर हमें छल जाती है. इनकी कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में खूब हुआ है. ये स्वयं शेक्सपियर के अपने अनुवाद के लिए जाने जाते हैं. फ्रांस व अन्य देशों के अनेक पुरूस्कार इन्हें प्राप्त हुए हैं और नोबेल की सूची में इनका नाम बार-बार प्रकट होता है. इनकी कविताओं व निबंधों के अनेक संकलन प्रकाशित हुए हैं.
इस कविता का  फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

सोमवार, मार्च 18, 2013

अचरज

कैलिफ़ोर्निया स्प्रिंग, अल्बेर बियरश्टैट
California Spring, Albert Bierstadt
धुलाई कभी ख़त्म नहीं हो पाती.
कभी नहीं दे पाता चूल्हा ठीक से आंच.
किताबें कभी पढ़ी नहीं जा पाती.
जीवन नहीं हो पाता कभी पूर्ण.
उस गेंद जैसा है जीवन जिसे लगातार लपकना
और मारना होता है ताकि वह गिर न जाए.
जब एक ओर से होती है बाड़े की मरम्मत,
वह दूसरी और से टूटने लगता है.
छत टपकती है,
रसोई का दरवाज़ा नहीं होता ठीक से बंद,
नींव में दरारें पड़ गई हैं,
घुटनों से फटने लगी हैं बच्चों की पैंटें...
कैसे रख सकता है कोई हर चीज़ का ध्यान.
अचरज की बात मगर यह है कि इस सब के
साथ-साथ हम देख पाते हैं वसंत को
जो हर दिशा में बढ़ती
हर चीज़ से पूर्ण है -- शाम के बादलों से,
ललमुनिया के गीत से और सांझ में
जहाँ तक आँख देख पाए वहाँ तक फैले मैदान में
घास के हर तिनके पर रखी हर ओस की बूँद से.


-- यान काप्लिन्स्की


यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'समरज़ एंड स्प्रिंगज़' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

शनिवार, मार्च 16, 2013

हम सीख जाते हैं...

वुमन विद पैरासोल इन गार्डन इन आर्जोंताई,
क्लौद मोने
Woman with Parasol in Garden in Argenteuil,
Claude Monet
समय के साथ हम सीख जाते हैं हाथ पकड़ने और आत्मा को बाँधने के बीच का महीन अंतर.

और हम सीख जाते हैं कि प्रेम का अर्थ नहीं है हमबिस्तर होना और साथ का अर्थ सुरक्षा नहीं है
और हम सीखते जाते हैं...

कि चुम्बन कोई अनुबंध नहीं हैं, न ही उपहार कोई वायदा हैं, और हम सीख जाते हैं आँखें खोलकर और सर उठाकर अपनी असफलताओं को स्वीकार करना.

और हम सीख जाते हैं केवल वर्तमान में करना अपने सभी रास्तों का निर्माण, क्योंकि कल की धरती उड़ान भरने के लिए बहुत अस्थिर है...और भविष्यों की आदत है बीच हवा में दुर्घटनाग्रस्त होने की.

और समय के साथ हम सीख जाते हैं कि अधिक मिल जाए तो धूप भी जला देती है.

तो फिर प्रतीक्षा करने के बजाय कि हमारे लिए कोई फूल लेकर आये,
हम स्वयं ही सींचते हैं अपने बगीचे को और सजाते हैं अपनी ही आत्मा.

और हम सीखते हैं कि हम वास्तव में सहनशील हैं, कि हम वास्तव में
सशक्त हैं, कि हमारा वास्तव में है कोई मूल्य, और हम सीखते हैं और
सीखते हैं...हर दिन के साथ सीखते जाते हैं...



-- होर्खे लुईस बोर्खेस 



Jorge Luis Borges होर्खे लुईस बोर्खेस ( Jorge Luis Borges ) अर्जन्टीना के लेखक, कवि व अनुवादक थे. वे 20 वीं सदी के प्रमुख लेखकों में गिने जाते हैं. वे अपनी कहानियों व निबंधों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द हैं. 1961 से पहले, जब उन्हें व सैम्युएल बेक्केट को एक साथ फोर्मनटर प्राइज़ मिला था, वे केवल अर्जन्टीना में ही अधिक जाने जाते थे. उसके बाद से, उनके लेखन का अंग्रेजी में खूब अनुवाद हुआ और वे दुनिया भर में सराहे गए. उनकी कहानियों में फंतासी व सपनों की दुनिया खूब मिलती है. अन्य सम्मानों सहित उन्हें सेर्वोंत प्राइज़ व फ़्रांस का लेजियन ऑफ़ ओनर भी प्राप्त हुआ था. यह कवितांश उनकी लम्बी कविता 'कॉन एल तिएम्पो ' से है. 


इस कविता का मूल स्पेनिश से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

गुरुवार, मार्च 14, 2013

रेलवे टाईमटेबल

रेलवे कैरिजिज़, विन्सेंट वान गोग
Railway Carriages, Vincent Van Gogh
मुझे बहुत पसंद हैं छोटे-छोटे स्टेशनों पर लगे वो रेलवे टाईमटेबल,
भीगे प्लेटफार्म पर खड़े हो देखना पटरियों का अनंत फैलाव.
दूर किसी इंजन से आता सीटी का स्वर. क्या, क्या?
(वाष्प इंजनों की अस्पष्ट भाषा को कोई नहीं समझता)

यात्री रेलें, टैंकर, कच्चे धातु से लदी माल गाड़ियाँ
निकलती रहती हैं लगातार.
इसी तरह तुम्हारे होने के स्टेशन में से गुज़रते हैं तुम्हारे दिन,
आवाजों, सिग्नलों, कोलाहल से पूर्ण
और स्मृति के भारी धातु से लदे.


-- इस्माइल कदारे 




 इस्माइल कदारे ( Ismail Kadare )अल्बेनिया के कवि व लेखक हैं. अब वे अपने उपन्यासों के लिए अधिक जाने जाते हैं मगर पहले अपनी कविताओं से ही पहचाने जाने लगे थे. 2005 में मैन-बुकर  का इंटरनैशनल लिटरेचर प्राइज़ सर्वप्रथम उन्हें ही प्राप्त हुआ था. वे अल्बेनिया के इलावा फ़्रांस में काफी समय व्यतीत करते हैं, और उनकी कविताएँ व उपन्यास फ्रेंच में खूब अनूदित हुए हैं. यहाँ तक कि अंग्रेजी में उनके लेखन का अनुवाद अधिकतर फ्रेंच से किया गया है न की अल्बेनियन से. 40 देशों में उनके किताबें प्रकाशित हुई हैं व 30 भाषाओँ में उनके लेखन का अनुवाद हुआ है. बुकर प्राइज़ सहित उन्हें कई पुरुस्कार प्राप्त हुए हैं व नोबेल प्राइज़ के लिए वे कई बार नामित किये जा चुके हैं.
इस कविता का मूल अल्बेनियन से अंग्रेजी में अनुवाद राबर्ट एलसी ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

मंगलवार, मार्च 12, 2013

चाँद

मून थ्रू द ट्रीज़, प्योतोर कोंचालोव्सकी
Moon through the Trees, Pyotr Konchalovsky


दिन भर कवितायेँ लिखने के बाद
चीड़ के पेड़ों के बीच से झाँकते चाँद को
देखने जाता हूँ मैं.
एक पेड़ से पीठ टिका कर बैठ जाता हूँ
चीड़ वन में बहुत गहरे कहीं.
चाँद की ड्योढ़ी रोशनी की ओर है.
मगर घर की गहराइयाँ अँधेरे में है.



-- रोबर्ट ब्लाए



 रोबर्ट ब्लाए ( Robert Bly ) अमरीकी कवि,लेखक व अनुवादक हैं. 36 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ, मगर उस से पहले साहित्य पढ़ते समय उन्हें फुलब्राईट स्कॉलरशिप मिला और वे नोर्वे जाकर वहां के कवियों की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में करने लगे. वहीं पर वे दूसरी भाषाओँ के अच्छे कवियों से दो-चार हुए - नेरुदा, अंतोनियो मचादो, रूमी, हाफिज़, कबीर, मीराबाई इत्यादि. अमरीका में लोग इन कवियों को नहीं जानते थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए और उन्होंने खूब अनुवाद भी किया है. अमरीका के वे लोकप्रिय कवि हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में उनके लिखे 80,000 पन्नों की आर्काइव है, जो उनका लगभग पचास वर्षों का काम है. यह कविता उनके संकलन 'ईटिंग द हनी ऑफ़ वर्डज़ ' से है.


इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

रविवार, मार्च 10, 2013

चेहरा और आईना

मारिओं, गाय रोज़
Marion, Guy Rose
हर दिन
मेरे चेहरे और आईने के बीच होती है बात-चीत
नहीं, प्रेम को पढ़ने के लिए नहीं
और न ही पढ़ने के लिए मेरे नाक-नक़्श में आये बदलावों को
न ही  देखने के लिए मेरी निगाह में तैरते मृत्यु के हल्केपन को,
बल्कि सिखाने के लिए मेरे प्रेम को
कि आईने से कैसे पूछे जाते हैं प्रश्न. जीवन के रात्रि-स्वभाव का,
उसके और मेरे स्वयं के अज्ञात के सार का आभास मुझे क्यों नहीं होता?
अपने चेहरे में झाँकने के अलावा और किसी समय
मुझे क्यों नहीं हो पाता अपने जीवन का आभास?


-- अदुनिस



Adonis, Griffin Poetry Prize 2011 International Shortlist अली अहमद सईद अस्बार ( Ali Ahmed Said Asbar ), जो 'अदुनिस' ( Adonis )के नाम से लिखते हैं, सिरिया के प्रसिद्ध कवि व लेखक हैं. वे आधुनिक अरबी कविता के पथप्रदर्शक हैं, जिन्होंने पुरानी मान्यताओं से विद्रोह कर कविता के अपने ही नियम बनाये हैं. अब तक अरबी में उनकी 20से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनके अनेक कविता संग्रह अंग्रेजी में अनूदित किये जा चुके हैं. अभी हाल-फिलहाल में, अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में ही उन्हें 2011 के  गेटे ( Goethe) पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें जल्द ही नोबेल प्राइज़ भी मिलेगा , साहित्य जगत में इसकी उम्मीद व अटकलें खूब हैं, वे कई बार नामित भी किये गए हैं. यह कविता उनके 2003 के संकलन 'बिगनिंगज़ ऑफ़ द बॉडी, एंडज़ ऑफ़ द सी' से है.

इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद खालेद मत्तावा ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़

शुक्रवार, मार्च 08, 2013

ईश्वर, फिर क्या करोगे तुम?

वुमन ऐज़ वाज़, ओग्यूस्त रोदें
Woman as Vase, Auguste Rodin
जब मैं मर जाऊँगा, ईश्वर, तुम क्या करोगे?

मैं तुम्हारा घड़ा हूँ (जब मैं फूट जाऊँगा?)
मैं तुम्हारा पेय हूँ (जब मैं कडुवा हो जाऊँगा?)
मैं, तुम्हारा वस्त्र; मैं, तुम्हारा काज.
मेरे बिना तुम्हारे होने का कारण ही क्या है?

मेरा बिना कहाँ होगा वह घर 
जहाँ आत्मीय शब्द करते हैं तुम्हारी प्रतीक्षा?
मैं, मखमली जूता जो गिरता हूँ तुम्हारे पैर से.
मैं, तुम्हारे काँधे से फिसलता दुशाला.
तुम क्या करोगे, ईश्वर? मैं चिंतित हूँ.


-- रायनर मरीया रिल्के




 रायनर मरीया रिल्के ( Rainer Maria Rilke ) जर्मन भाषा के सब से महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. वे ऑस्ट्रिया के बोहीमिया से थे. उनका बचपन बेहद दुखद था, मगर यूनिवर्सिटी तक आते-आते उन्हें साफ़ हो गया था की वे साहित्य से ही जुड़ेंगे. तब तक उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित भी हो चुका था. यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में ही छोड़, उन्होंने रूस की एक लम्बी यात्रा का कार्यक्रम बनाया. यह यात्रा उनके साहित्यिक जीवन में मील का पत्थर साबित हुई. रूस में उनकी मुलाक़ात तोल्स्तॉय से हुई व उनके प्रभाव से रिल्के का लेखन और गहन होता गुया. फिर उन्होंने पेरिस में रहने का फैसला किया जहाँ वे मूर्तिकार रोदें के बहुत प्रभावित रहे.यूरोप के देशों में उनकी यात्रायें जारी रहीं मगर पेरिस उनके जीवन का भौगोलिक केंद्र बन गया. पहले विश्व युद्ध के समय उन्हें पेरिस छोड़ना पड़ा, और वे स्विटज़रलैंड में जा कर बस गए, जहाँ कुछ वर्षों बाद ल्यूकीमिया से उनका देहांत हो गया. कविताओं की जो धरोहर वे छोड़ गए हैं, वह अद्भुत है. यह कविता उनके संकलन 'बुक ऑफ़ ऑवरज़' से है.

इस कविता का जर्मन से अंग्रेजी में अनुवाद जोआना मेसी व अनीता बैरोज़  ने किया है. 
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़