शनिवार, मार्च 16, 2013

हम सीख जाते हैं...

वुमन विद पैरासोल इन गार्डन इन आर्जोंताई,
क्लौद मोने
Woman with Parasol in Garden in Argenteuil,
Claude Monet
समय के साथ हम सीख जाते हैं हाथ पकड़ने और आत्मा को बाँधने के बीच का महीन अंतर.

और हम सीख जाते हैं कि प्रेम का अर्थ नहीं है हमबिस्तर होना और साथ का अर्थ सुरक्षा नहीं है
और हम सीखते जाते हैं...

कि चुम्बन कोई अनुबंध नहीं हैं, न ही उपहार कोई वायदा हैं, और हम सीख जाते हैं आँखें खोलकर और सर उठाकर अपनी असफलताओं को स्वीकार करना.

और हम सीख जाते हैं केवल वर्तमान में करना अपने सभी रास्तों का निर्माण, क्योंकि कल की धरती उड़ान भरने के लिए बहुत अस्थिर है...और भविष्यों की आदत है बीच हवा में दुर्घटनाग्रस्त होने की.

और समय के साथ हम सीख जाते हैं कि अधिक मिल जाए तो धूप भी जला देती है.

तो फिर प्रतीक्षा करने के बजाय कि हमारे लिए कोई फूल लेकर आये,
हम स्वयं ही सींचते हैं अपने बगीचे को और सजाते हैं अपनी ही आत्मा.

और हम सीखते हैं कि हम वास्तव में सहनशील हैं, कि हम वास्तव में
सशक्त हैं, कि हमारा वास्तव में है कोई मूल्य, और हम सीखते हैं और
सीखते हैं...हर दिन के साथ सीखते जाते हैं...



-- होर्खे लुईस बोर्खेस 



Jorge Luis Borges होर्खे लुईस बोर्खेस ( Jorge Luis Borges ) अर्जन्टीना के लेखक, कवि व अनुवादक थे. वे 20 वीं सदी के प्रमुख लेखकों में गिने जाते हैं. वे अपनी कहानियों व निबंधों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द हैं. 1961 से पहले, जब उन्हें व सैम्युएल बेक्केट को एक साथ फोर्मनटर प्राइज़ मिला था, वे केवल अर्जन्टीना में ही अधिक जाने जाते थे. उसके बाद से, उनके लेखन का अंग्रेजी में खूब अनुवाद हुआ और वे दुनिया भर में सराहे गए. उनकी कहानियों में फंतासी व सपनों की दुनिया खूब मिलती है. अन्य सम्मानों सहित उन्हें सेर्वोंत प्राइज़ व फ़्रांस का लेजियन ऑफ़ ओनर भी प्राप्त हुआ था. यह कवितांश उनकी लम्बी कविता 'कॉन एल तिएम्पो ' से है. 


इस कविता का मूल स्पेनिश से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

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