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ब्लूमिंग फ्लार्ज़ विद गार्डन फेंस, कोलोमान मोज़र् Blooming Flowers with Garden Fence, Koloman Moser |
रुक रुक कर चलती गुनगुनी हवा से इतना उल्लासित
कि आप का मन घर की सभी
खिड़कियाँ खोल देना चाहे
और तोते के पिंजरे की चिटकनी सरका,
दरवाज़े को कब्ज़े से उखाड़ देना चाहे,
ऐसा दिन, जब ईंटों-जड़े संकरे रास्तों वाले,
पिओनी फूलों से भरे-भरे बागीचे
इतने साफ़ झलकते हैं चटक धूप में
कि मन करता है
हथौड़ा लेकर बैठक की मेज़
पर रखे कांच के पेपर्वेट को तोड़ डालें,
उसमें बसने वालों को उनके
बर्फ से ढके घर से आज़ाद कर दें
ताकि एक-दूसरे का हाथ पकड़े,
चौंधियायी आँखें लिए
वे बाहर कदम रख सकें
चौंधियायी आँखें लिए
वे बाहर कदम रख सकें
इस नीले-सफ़ेद बड़े गुम्बद तले,
आह, ऐसा ही दिन है आज.
-- बिली कॉलिन्ज़

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़