फ्लाइंग शैडोज़, विलर्ड मेटकाफ Flying Shadows, Willard Metcalfe |
कुछ शब्द आते हैं पास,
बैल के सर
जो दांत से काटते हैं
ज़मीन पर लायी गई बर्फ़ को,
अंतरंगता के पल
जिन्हें हटा दिया जाता है हाथ के इशारे से,
समुद्री शम्बुक की खोई हुई श्रृंगिका.
वह सूरज है
जो चमकता है हम पर! मगर
जो-प्यार-नहीं की छायाएँ आ जाती है छाने,
उस के विरुद्ध खड़ा नहीं हुआ जा सकता.
और हम दुःख भोगते हैं. हमारे कानों से
गिर जाते हैं सुनहरी कुण्डल.
समुद्र पर मेघ छा जाते हैं.
-- रोबर्ट ब्लाए
रोबर्ट ब्लाए ( Robert Bly ) अमरीकी कवि,लेखक व अनुवादक हैं. 36 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ, मगर उस से पहले साहित्य पढ़ते समय उन्हें फुलब्राईट स्कॉलरशिप मिला और वे नोर्वे जाकर वहां के कवियों की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में करने लगे. वहीं पर वे दूसरी भाषाओँ के अच्छे कवियों से दो-चार हुए - नेरुदा, अंतोनियो मचादो, रूमी, हाफिज़, कबीर, मीराबाई इत्यादि. अमरीका में लोग इन कवियों को नहीं जानते थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए और उन्होंने खूब अनुवाद भी किया है. अमरीका के वे लोकप्रिय कवि हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में उनके लिखे 80,000 पन्नों की आर्काइव है, जो उनका लगभग पचास वर्षों का काम है.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़