डांस इन द कंट्री, पिएर-ओग्यूस्त रनोआ Dance in the Country, Pierre-Auguste Renoir |
इतना प्रचण्ड
इतना कोमल
इतना मधुर
इतना निराश
यह प्रेम
दिन-सा अच्छा
मौसम सा ख़राब
जब ख़राब होता है मौसम
यह प्रेम इतना सच्चा
यह प्रेम इतना सुन्दर
इतना आनंदित
इतना मग्न
इतना उपहासपूर्ण
डरा हुआ सहमा हुआ अँधेरे में बच्चे-सा
और एकदम निडर
आधी रात में आराम से घूमते आदमी-सा
यह प्रेम जो दूसरों को डराता है
अफवाहें उड़वाता है
चेहरों से रंग उड़ाता है
यह प्रेम यह शिकार
जिसके लिए हम घात लगाये बैठते हैं
जिसका पीछा करते हैं
यह आहत प्रेम चोट खाया, रौंदा, नकारा, भूला हुआ
क्योंकि हम इसे चोट पहुंचाते हैं पैरों तले रौंदते हैं
मार देते हैं नकार देते हैं भूल जाते हैं
यह सारा प्रेम
अभी भी कितना जीवित
अभी भी पूरा उजला
यह तुम्हारा है
यह मेरा है
यह जो हमेशा था
यह जो रोज़ नया है
और जो कभी नहीं बदला
एक पौधे-सा असली
एक पंछी-सा काँपता हुआ
वसंत-सा गुनगुना और जीवित
हम दोनों
जा सकते हैं और लौट सकते हैं
हम भूल सकते हैं
और फिर सो सकते हैं
जाग सकते हैं तड़प सकते हैं बूढ़े हो सकते हैं
सोए रह सकते हैं
सपने देखते रह सकते हैं
मरने तक
जाग सकते हैं मुस्कुरा सकते हैं हंस सकते हैं
और फिर जवान हो सकते हैं
हमारा प्यार वैसा ही रहेगा
टट्टू-सा अड़ियल
चाह-सा जीवंत
यादों-सा निर्मम
यादों-सा कोमल
पछतावे-सा बेतुका
संगमरमर-सा ठंडा
बच्चे-सा नाज़ुक
अच्छे दिन-सा
हमें मुस्कुरा कर देखेगा
हम से बिना कुछ कहे बात करेगा
और मैं काँपते हुए सुनूंगा
और मैं पुकार उठूंगा
मैं तुम्हारे लिए पुकारूँगा
मैं अपने लिए पुकारूँगा
मैं तुमसे भीख मांगूंगा
तुम्हारे लिए
अपने लिए
उन सब के लिए जो प्यार करते हैं
एक दूसरे को
हाँ मैं उसे पुकारूँगा
तुम्हारे लिए अपने लिए
और बाकी सब के लिए
जिन्हें मैं जानता तक नहीं
वहीँ रहो
वहीँ जहाँ तुम हो
जहाँ तुम हमेशा से थे
वहीँ रहो
हिलो नहीं
कहीं जाओ नहीं
हम जो प्रेम करते हैं
तुम्हे भूल गए थे
तुम हमें मत भूलो
तुम्हारे सिवा हमारा यहाँ कोई नहीं है
हमें एक-दूसरे से उदासीन मत होने दो
हर रोज़ दूर मत जाने दो
और हम जहाँ भी हों
हमें जीने का संकेत दो
और बहुत देर बाद किसी वन के किसी कोने में
यादों के जंगल में
अचानक मिल जाना
हाथ बढ़ा कर
बचा लेना हमें
-- याक प्रेवेर
याक प्रेवेर ( Jacques Prévert )फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़