शनिवार, मई 18, 2013

सब अपने से बहुत दूर है

वायर, पैट्रिक विलेट
Wire, Patrick Willett

आकाश 
क्षैतिज

स्वप्न की अदृश्य तार पर
एक पंछी.

सब अपने से बहुत दूर है.


वर्त्तमान के असंयुक्त वृत्तखंड,
टुकड़े-टुकड़े भूदृश्य

- घाव

मैं दिन से अपना स्वर तक मिटा दूंगा.


-- क्लौद एस्तेबान



  क्लौद एस्तेबान (Claude Esteban) एक फ्रेंच कवि , निबंधकार व अनुवादक थे। वे फ्रेंच व स्पेनिश दोनों भाषाओं में सिद्धहस्त थे। पिछली सदी के दूसरे हिस्से के प्रमुख कवियों में से एक, वे अपने पीछे महत्वपूर्ण कृति छोड़ गए हैं। उन्होंने कला व कविता पर असंख्य निबंध लिखे व स्पैनिश भाषा के प्रमुख कवियों ओक्टावियो पास, बोर्खेस, लोर्का इत्यादि की कविताओं व लेखन का अनुवाद किया। आरम्भ में वे फ्रेंच कला व साहित्य की पत्रिकाओं में लेख लिखते रहे। 1968 में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ --'ला सेजों देवास्ते '.इसके बाद उनके कई संकलन प्रकशित हुए, वे प्रसिद्द कलाकारों के लिए उनकी प्रदर्शनियों के कैटालोग के लिए प्रस्तावनाएँ लिखते रहे। स्पेनी कवि होर्खे गुइयें से उनकी अच्छी दोस्ती हो गई व उन्होंने उनके कृत्य का  फ्रेंच में खूब अनुवाद किया। 1984 में उन्हें अपनी गद्य कविताओं के लिए मालार्मे पुरूस्कार प्राप्त हुआ। कला में उन्हें गहरी रूचि रही और 1991 में उन्हें एडवर्ड हापपर के चित्रों से प्रेरित कविता संकलन 'सोलई दौन्ज़ युन पीएस वीद ' के लिए फ्रांस कल्चर प्राइज़ प्राप्त हुआ। उनके 13 कविता संकलन, कई निबंध व अनेक अनुवाद प्रकाशित हुए,. यह कविता उनके संकलन 'ल यूर आ पेन ऐक्री ' से है।

इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

गुरुवार, मई 16, 2013

एक ही घटना

ओक्स इन ओल्ड पीटरहोफ, इवान शिश्किन
Oaks in Old Peterhof,
Ivan Shishkin


संसार एक ही घटना है.
घटनाओं का कोई आरम्भ और कोई
अंत नहीं होता.
हवा बलूत के पत्तों को हिलाती है,
बलूत के पत्ते हवा में हिलते हैं.
वास्तव में बलूत के पत्तों
और हवा के बीच कोई सीमा रेखा नहीं है,
कोई भेद नहीं है हवा और जिन्हें वह
हिलाती है 
उन पत्तों व टहनियों के बीच, 
हवा और इस हवाओं भरे दिन के बीच
जहाँ मौसम बदल रहा है, और एक पल के लिए
तुम समझ पाते हो पत्तों और हवा की 
एकात्मकता को,
और एक नन्हा-सा हरा भृंग
बलूत की टहनियों से आ गिरता है
तुम्हारे बालों में.


-- यान काप्लिन्स्की 



यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'ईवनिंग ब्रिनग्ज़ एवरीथिंग बैक ' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

मंगलवार, मई 14, 2013

तुम जानते हो तुम कौन हो

मोन्यूमेंट इन द प्लाज़ा, न्यू यॉर्क,
जॉन फ्रेंच स्लॉन
Monument in the Plaza, New York,
John French Sloan

तुम्हारी कविताएँ मुझे ढाढस क्यों देती हैं, स्वयं से पूछती हूँ.
क्योंकि वे सीधी हैं, ऊँची पीठ की कुर्सियों जैसी.
मैं उनमें बैठ कर देख सकती हूँ दुनिया को जैसे कि 
वह भी सीधी और सरल है. 

क्योंकि कभी-कभी मैं जीती हूँ शब्दों के अंधड़ में
और उनमें से एक भी मुझे बचा नहीं सकता.
तुम्हारी कविताएँ एक बेड़े की तरह आती हैं,
एक साथ बंधे लठ्ठे, जो तैरते हैं.
मैं तुम्हें उस दोपहर के बारे में बताना चाहती हूँ 
जब तुम्हारी कविताओं पर मैं ड्यूरैंगो स्ट्रीट
से ब्रॉडवे तक पूरे रास्ते बही थी.

पिता अपने छोटे बेटों के साथ नदी में नौका चला रहे थे.
पुस्तकालय के बाहर तीन मेक्सिको के लड़के एक-दूसरे के
पीछे भाग रहे थे.
लगता था सभी के पास कोई काम है, कोई कारोबार,
जबकि मैं निरुद्देश्य-सी फिर रही हूँ
उन सडकों पर जिनसे मैं दावा करती हूँ कि मुझे प्यार है. 

अचानक ही अपने नीचे मुझे महसूस हुई तुम्हारी कविताओं की स्पष्ट देह,
एक बेड़े-सी, एक बार फिर शब्द वहनीय लगने लगे मुझे,
जैसे कि एक कप, एक अखबार, एक सुई.
जो कुछ हो रहा था वह एक प्रकाश से घिरा था,
जो किसी अलौकिक चमत्कार-सा नहीं था,
बल्कि था एक शनिवार की दोपहरी का रूखा-सा उजाला.
ऐसी दुनिया का उजाला जो हमें साथ लिए या बगैर लिए
बस तेज़ी से आगे भागती रहती है.
मैं रुक कर पीछे छूटे भवन-समूहों को इस उजाले में
एकत्रित करना चाहती थी, मगर ऐसा हो नहीं पाता.
तुम चलते रहते हो, उठाते हो एक पैर, फिर दूसरा,
यह कहते हुए कि "मुझे यही याद रखने की ज़रुरत है"
और फिर उम्मीद करते हो की तुम रख सको.


-- नाओमी शिहाब नाए 



 नाओमी शिहाब नाए ( Naomi Shihab Nye )एक फिलिस्तीनी-अमरीकी कवयित्री, गीतकार व उपन्यासकार हैं. वे बचपन से ही कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. फिलिस्तीनी पिता और अमरीकी माँ की बेटी, वे अपनी कविताओं में अलग-अलग संस्कृतियों की समानता-असमानता खोजती हैं. वे आम जीवन व सड़क पर चलते लोगों में कविता खोजती हैं. उनके 7 कविता संकलन और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक अवार्ड व सम्मान प्राप्त हुए हैं. उन्होंने अनेक कविता संग्रहों का सम्पादन भी किया है. यह कविता उनके संकलन 'वर्ड्स अंडर द वर्ड्स'' से है. 


इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शनिवार, मई 11, 2013

पत्थर

वैरी फर्स्ट स्टोन, सैम फ्रांसिस
Very First Stone, Sam Francis

शीशे-से पारदर्शी,
जो पत्थर हमनें फेंके हैं
उन्हें गिरते हुए 
सुनता हूँ
वर्षों के आर-पार.
घाटी में 
उड़ते हैं
इस पल के अव्यवस्थित 
कृत्य
कर्कशनाद करते हुए
एक पेड़ की 
फुनगी से दूसरी तक.
वर्तमान से 
कम घनी हवा में
ये मूक हो जाते हैं, 

अबाबीलों की तरह उड़ते हैं
पहाड़ों पहाड़ों पर
जब तक न पहुँच जाएँ
जीवन के छोर पर पसरे सुदूर मैदानों में.
वहाँ गिरते हैं हमारे सभी कृत्य,
शीशे-से पारदर्शी,
और किसी तल तक नहीं,
हमारे ही भीतर.


-- तोमास त्रांसत्रोमर 



 तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्हें 2011 का नोबेल पुरुस्कार प्राप्त हुआ है. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए कई वर्षों से नामित किये जा रहे थे. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता  उनके संकलन 'सिलेक्टेड पोएम्ज़'से है.


इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद मे स्वेनसन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

गुरुवार, मई 09, 2013

चीज़ें हमें जो सिखा सकती हैं

ब्लूबर्ड, मार्क शगाल
Bluebird, Marc Chagall



चीज़ें हमें जो सिखा सकती हैं, वह है :
गिरना,
धैर्यपूर्वक विश्वास करना अपने भारीपन पर.
उड़ने से पहले
पंछी को भी ऐसा करना होता है. 




-- रायनर मरीया रिल्के





 रायनर मरीया 
रिल्के ( Rainer Maria Rilke ) जर्मन भाषा के सब से महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. वे ऑस्ट्रिया के बोहीमिया से थे. उनका बचपन बेहद दुखद था, मगर यूनिवर्सिटी तक आते-आते उन्हें साफ़ हो गया था की वे साहित्य से ही जुड़ेंगे. तब तक उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित भी हो चुका था. यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में ही छोड़, उन्होंने रूस की एक लम्बी यात्रा का कार्यक्रम बनाया. यह यात्रा उनके साहित्यिक जीवन में मील का पत्थर साबित हुई. रूस में उनकी मुलाक़ात तोल्स्तॉय से हुई व उनके प्रभाव से रिल्के का लेखन और गहन होता गुया. फिर उन्होंने पेरिस में रहने का फैसला किया जहाँ वे मूर्तिकार रोदें के बहुत प्रभावित रहे.यूरोप के देशों में उनकी यात्रायें जारी रहीं मगर पेरिस उनके जीवन का भौगोलिक केंद्र बन गया. पहले विश्व युद्ध के समय उन्हें पेरिस छोड़ना पड़ा, और वे स्विटज़रलैंड में जा कर बस गए, जहाँ कुछ वर्षों बाद ल्यूकीमिया से उनका देहांत हो गया. कविताओं की जो धरोहर वे छोड़ गए हैं, वह अद्भुत है. यह कवितांश 'द बुक ऑफ़ ऑवरज़' ' से है. 
इस कविता का जर्मन से अंग्रेजी में अनुवाद जोआना मेसी व अनीता बैरोज़  ने किया है. 
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़