द बस, फ्रीदा काहलो The Bus, Frida Kahlo |
चलो चलो
जल्दी करो
चलो चलो
देखो जल्दी करो
सवारियाँ बहुत हैं
बहुत सवारियाँ हैं
कई कतार में हैं
कई इधर-उधर खड़ी हैं
बहुत सारी अभी उतर रहीं हैं
या फिर अपनी माँ के पेट के गलियारों में हैं
चलो चलो जल्दी करो
सभी को जीने का हक है
तो बन्दूक का घोड़ा दबाओ
ज़रा मारो भी तो
चलो चलो
देखो
मज़ाक मत समझो
जगह दो
तुम्हे अच्छी तरह मालूम है
कि तुम यहाँ ज्यादा देर नहीं रह सकते
सभी को जगह मिलना ज़रूरी है
एक छोटा-सा चक्कर
यही कहा गया था ना तुमसे
दुनिया का एक छोटा-सा चक्कर
दुनिया में एक छोटा-सा चक्कर
एक छोटा-सा चक्कर लगवाना था
बस
चलो चलो
जल्दी करो जल्दी करो
विनम्र रहो
धक्का मत दो
-- याक प्रेवेर
याक प्रेवेर ( Jacques Prévert )फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़