गुरुवार, जून 30, 2011

हवा और बादल

द लवर्ज़, मार्क शगाल
The Lovers, Marc Chagall
कितनी बार देखा है हमने 
काले घने बादलों की पृष्ठभूमि पर 
हिलते पेड़ों को, 
उनकी नर्म टहनियों को, 
आधी हवा के आगे झुकी हुईं, 
आधी उसे ढकेलती हुई,
हर कली के पास का पत्ता
पाल के तरह हवा में लहराता हुआ,
अँधेरे में से उजाला, 
और धूल में से ऊर्जा निचोड़ता हुआ?

                   ------

मैदान में एक आदमी और एक औरत.
बारिश शुरू होती है और वे ओट ढूंढ लेते हैं.
सारी घास एक तरफ को भाग जाती है.
वे गले मिलते हैं. 
एक दूसरे को ऐसे थामते हैं, 
जैसे दोबारा कभी ऐसा नहीं कर पाएंगे.
उनके ऊपर पत्ते खुलते-बंद होते हैं
उस तेज़ बारिश में 
जो जल्द ही आगे बढ़ जाएगी.

                 ------

और फिर वह उसकी ओर मुड़ा
और अपने हाथ की पिछली ओर से
उसके गाल को हलके से सहलाया. 
ऐसे जैसे हवा ने सहलाया हो 
किसी सतह को.
जाने वह आदमी बूढा था या युवा था, 
और वह कुछ बोल नहीं पा रही थी, 
शब्द नहीं मिल पा रहे थे उसे, 
क्योंकि कहने को बहुत कुछ था.


-- जॉर्ज सिएरतेश 







जॉर्ज सिएरतेश ( George Szirtes ) कवि व अनुवादक हैं. हालाँकि वे हंगरी से हैं, मगर उनके बचपन में ही, उनका परिवार शरणार्थी बन इंग्लैंड में बस गया था. पहले उनकी कविताएँ पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही, और 31 वर्ष की आयु में उनका पहला संकलन 'द स्लांट डोर ' प्रकाशित हुआ, जिसे  फेबर मेमोरियल प्राइज़ मिला. उसके बाद उनके कई कविता-संग्रह प्रकाशित हुए और उन्हें ' रील ' के लिए 2005 में टी.एस एलियट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उन्होंने हंगेरियन में लिखी कविताओं, उपन्यासों, नाटकों व निबंधों का खूब अनुवाद भी किया है. उनकी स्वयं की कविताओं का अनेक भाषाओँ में अनुवाद हुआ है.
इन तीन लघु कविताओं का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

मंगलवार, जून 28, 2011

समय का भिखारी

लवर्स ऑन द ग्रास, अलोइस कैलवोदा
  Lovers on the Grass, Alois Kalvoda

प्यार समय का भिखारी है, मगर 
चमकते सिक्के-सा गिरा एक घंटा भी,
प्यार को अमीर कर देता है.
हम दोनों को एक साथ एक घंटा मिलता है,
उसे फूलों पर या वाइन पर नहीं खर्चते हम,
बल्कि खर्चते हैं गर्मियों के पूरे आकाश पर
और एक घास-भरे गड्ढे पर.

हज़ारों पलों के लिए चूमते हैं हम एक-दूसरे को,
तुम्हारे बाल किसी खजाने-से बिखरे हुए हैं ज़मीन पर,
रोशनी का पारस तुम्हारे अंगों को सोना कर रहा है.
समय की चाल धीमी हो जाती है,
चूंकि अब बहुत धनी हैं हम, बहुत धनी,
रात को एक हाथ से पीछे धकेलते हैं 
ताकि कोई अँधेरा, 
हमारे घंटे भर के रोशन साथ का अंत न कर दे.

यह जो तुम्हारे कान के पास घास की पत्ती पर 
किसी कीड़े की उगली झाग-सी लटकी है,
कोई गहना इसके आगे क्या लगेगा,
तुम यहाँ-से जैसे दिखते हो,
कोई दीपमाला, कोई उजाला,
तुम्हें उस से और रोशन क्या देखेगा अब.
समय प्यार से नफरत करता है ,
चाहता है कि प्यार निर्धन हो,
मगर प्यार सोना, सोना, सोना 
बुनता है सूखी घास से.


 -- कैरल एन डफ्फी


  कैरल एन डफ्फी ( Carol Ann Duffy )स्कॉट्लैंड की कवयित्री व नाटककार हैं. वे मैनचेस्टर मेट्रोपोलिटन युनिवेर्सिटी में समकालीन कविता की प्रोफ़ेसर हैं. 2009 में वे ब्रिटेन की पोएट लॉरीअट नियुक्त की गईं. वे पहली महिला व पहली स्कॉटिश पोएट लॉरीअट हैं. उनके स्वयं के कई कविता संकलन छ्प चुके हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों को सम्पादित भी किया है. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक सम्मान व अवार्ड मिल चुके हैं. सरल भाषा में लिखी उनकी कविताएँ अत्यंत लोकप्रिय हैं व स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा भी हैं. यह कविता उनके 2005 में छपे संकलन ' रैप्चर ' से है, जिसे टी एस एलीअट प्राइज़ मिला था.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़  



रविवार, जून 26, 2011

सूर्यकिरण

बाय द विंडो पोर्ट्रेट ऑफ़ ओल्गा त्रुबनिकोवा, वेलेंटिन सेरोव

पीली, बारीक, सीधी,
जो खिड़की से अन्दर आ रही है,
उस सूर्यकिरण से प्रार्थना करती हूँ.
मैं आज सुबह से ही चुप हूँ, 
और मेरा मन  -- बँटा हुआ है.
मेरे वाश स्टैण्ड का तांबा 
अब हरा हो चुका है, 
मगर सूर्यकिरण उस से,
कितने मोहक ढंग से खेलती है. 
शाम की चुप्पी में
कितनी निश्छल है वह, कितनी सरल,
मगर इस उजड़े मंदिर में,
मेरे लिए वह है 
एक सुनहरा उत्सव, 
एक आश्वासन.


-- आना आख्मतोवा 


Requiem
                                                                                                                                                                                          



आना आख्मतोवा 20 वीं सदी की जानी-मानी रूसी कवयित्री हैं. वे 24 वर्ष की थी जब उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ और अगले 7 वर्षों में उनके 4 संकलन और प्रकाशित हुए. वे 'आर्ट फॉर आर्ट ' की समर्थक थी. मगर रूसी क्रांति के बाद, लेखकों, कवियों, चित्रकारों की स्वंत्रता में बाधा आ गई. 7 वर्ष तक उन्हें कुछ प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी गई. हालाँकि उन्होंने देशभक्तिपूर्ण कविताएँ सरकारी मैगजीनों में छपवायीं, मगर उनकी दूसरी कविताओं को प्रकाशित नहीं होने दिया गया. उनकी सबसे प्रसिद्द कविताएँ -- रिक्वीम और पोएम विदाउट अ हीरो, अपने देश के राजनैतिक माहौल व रूस की काम्यनिस्ट सरकार के बारे में हैं.
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद तान्या कार्शटेट ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद रीनू तलवाड़

शुक्रवार, जून 24, 2011

एकांत

लैंडस्केप अंडर अ स्टोर्मी स्काए, विन्सेंट वान गोग 

बदलते मौसम, धूप और अँधेरा,
बदलते हैं दुनिया को, 
जो अपने उजियारों से सुख देती है,
अपने बादलों के संग उदासी ले आती है.

और मैं,
जिसने हमेशा अत्यंत कोमलता से 
देखा है उसके अलग-अलग रूपों को,
नहीं जानता 
कि आज मुझे उदास होना चाहिए
या ख़ुशी से आगे बढ़ जाना चाहिए,
जैसे कोई परीक्षा सफल हो गयी हो ;
मैं उदास हूँ, 
और फिर भी यह दिन इतना सुन्दर है,
धूप और बारिश केवल मन ही में हैं.

लम्बी सर्दियों को बदल सकता हूँ, 
वसंत कर सकता हूँ मैं, 
जहाँ धूप में रास्ता 
ज़री की किनारी-सा दमके 
और मैं स्वयं का अभिवादन करूँ.

मेरी धुंध, मेरे अच्छे मौसम,
सब मेरे भीतर ही हैं,
जैसे मेरे भीतर ही है 
वह परिपूर्ण प्यार 
जिसके लिए मैंने इतना दुःख सहा,
और जिसके लिए अब नहीं रोता हूँ,
मेरी आँखें मेरे लिए काफी हों,
और मेरा मन.


-- उम्बेर्तो साबा


Umberto Sabaउम्बेर्तो साबा इटली के कवि व उपन्यासकार थे. 20 वीं सदी के आरम्भ में उनका लेखन शुरू हुआ.1910 में उनका पहला कविता-संग्रह प्रकाशित हुआ और 74 वर्ष की आयु तक लगभग 15संकलन व उपन्यास प्रकाशित हो चुके थे. उनको एकांत का कवि कहा गया है, क्योंकि वे अपनी कविताओं में ही जीते थे. उनकी कविताएँ अँधेरे से निकल के, उजालों की ओर जाती दिखाई देती है. उनकी कविताओं का अनेक भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'सोंगबुक ' से है.
इस कविता का मूल इटालियन से अंग्रेजी में अनुवाद जोर्ज होचफील्ड व  लेनर्ड नेथन ने किया है.

इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

बुधवार, जून 22, 2011

कुछ 'हमारा' नहीं था

डेर स्पाज़ीअरगैंग. मार्क शगाल 

कभी कोई 'हम', कुछ 'हमारा' नहीं था ;
जो भी आनंद उठाया उन दोनों ने, 
वह अलग-अलग ही था:
हल्की बूंदों की फुहार, 
गर्म सड़क पर, छतों पर गिरती 
तेज़ बारिश की तिरछी बौछार, 
उन्हें उल्लासित करती थी,
मगर वह ख़ुशी अलगाव से निर्धारित थी --
चमकती हुई दोपहर का आलस,
समुद्र का कटोरा जब 
चमचमाते सिक्कों से भरा होता है ,
या पूर्णिमा की चांदनी-बिछी सफ़ेद सड़क,
वही आनंद जो उन्हें अलग करता है,
बिना बदलाव, उन्हें जोड़ता भी है,
आकस्मिक झोंकों में ले भी जाता है
सुख के बहुत पास ,
जैसे पत्तों को एक साथ हिलाता है 
एक हरी-सी 'हाँ' में,
मगर पहले से ही उनके जीवन का 
गहरा बंटवारा कर चुका होता है.
चांदनी रातों में बादल 
मंदिर के संगमरमर-से चमकते रहे;
वह हठी था, 
अपनी ही आशाओं की बलि चढ़ गया,
जुगनुओं की तरह जिनकी झूठी रोशनी, 
उजाला होते ही धुंधली हो जाती है.

-- डेरेक वालकॉट


डेरेक वालकॉट वेस्ट इंडीज़ के कवि, नाटककार व लेखक हैं. 1992 में वे नोबेल  पुरुस्कार से  सम्मानित किये गए थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिन में उनका महाकाव्य 'ओमेरोस' भी है.  उन्होंने बीस नाटक भी लिखे हैं जिनका विश्व भर में प्रदर्शन हुआ है. उनका नवीनतम कविता संग्रह ' वाईट एग्रेट्स' 2010 में प्रकाशित हुआ जिसे टी.एस एलीयट पोएट्री प्राइज प्राप्त हुआ.
यह कविता ' वाईट एग्रेट्स' के 'सिसिलियन सुईट ' में से ली गयी है.

इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़

सोमवार, जून 20, 2011

रास्ते का आरंभ

स्केच, ओग्यूस्त रोदें
Sketch, Auguste Rodin


रात कागज़ थी 
और हम स्याही:
" क्या बनाया तुमने? 
एक चेहरा? आदमी? या एक पत्थर?"
" क्या बनाया तुमने ?
एक चेहरा? औरत? या एक पत्थर? "
मैंने जवाब नहीं दिया.
हम प्यार करते रहे. 
हमारे प्यार कि तरह 
हमारी चुप्पी तक,
कोई रास्ता नहीं जाता 
नहीं जाता कोई रास्ता.

-- अदुनिस 


Adonis, Griffin Poetry Prize 2011 International Shortlist अली अहमद सईद अस्बार ( Ali Ahmed Said Asbar ), जो 'अदुनिस' ( Adonis )के नाम से लिखते हैं, सिरिया के प्रसिद्ध कवि व लेखक हैं. वे आधुनिक अरबी कविता के पथप्रदर्शक हैं, जिन्होंने पुरानी मान्यताओं से विद्रोह कर कविता के अपने ही नियम बनाये हैं. अब तक वे अरबी में उनकी 20से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनके अनेक कविता संग्रह अंग्रेजी में अनूदित किये जा चुके हैं. उन्हें जल्द ही नोबेल प्राइज़ भी मिलेगा , साहित्य जगत में इसकी उम्मीद व अटकलें खूब हैं, वे कई बार नामित भी किये गए हैं.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद कमाल बुलाता, सूज़न आइनबाइनडर व मिरेन घोस्सेन ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़

शनिवार, जून 18, 2011

दुःख के पहरेदारों की तरह...

सौरो, ओग्यूस्त रोदें 
दुःख के पहरेदारों की तरह
खिड़की के कांच से माथा टिकाए 
खुली हथेलियों के छोटे मैदान
और उनके गतिहीन उदासीन
दोहरे क्षितिजों में 
आकाश से भी अधिक रात लिए 

दुःख के पहरेदारों की तरह
खिड़की के कांच से माथा टिकाए
मैं तुम्हें ढूंढता हूँ 
इंतज़ार से कहीं आगे 
अपने आप से कहीं आगे 
और इतना चाहता हूँ मैं तुम्हें 
कि अब नहीं जानता 
हम दोनों में से 
कौन यहाँ नहीं है

--पॉल एलुआर








पॉल एलुआर फ़्रांसिसी कवि थे व स्यूरेअलीज्म के संस्थापकों में से एक थे. 16 साल की आयु में जब उन्हें टी.बी होने पर स्विटज़र्लैंड के एक सैनिटोरियम में स्वास्थ्य लाभ के लिए भेजा गया, उस समय उनका कविता में रुझान हुआ. उनका पहला कविता संकलन उनके युद्ध में हुए अनुभवों के बाद लिखा गया. उनकी लगभग 70 किताबे प्रकाशित हुई जिनमे, कविता संग्रह व उनके साहित्यिक और राजनैतिक विचार भी हैं.   
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़                 

गुरुवार, जून 16, 2011

और क्या वह जादुई दुनिया...

द स्टारी नाईट , विन्सेंट वान गोग 

और क्या वह जादुई दुनिया
तुम्हारे साथ ही ख़त्म हो जाएगी?
जहाँ जीवन की सबसे निर्मल सांसों पर,
पहले प्यार की रोशन छाया पर,
तुम्हारे मन में जो उतर कर बस गयी,
उस आवाज़ पर, 
तुमने सपनों में जो पकड़ना चाहा था,
उस हाथ पर,

और उन सब चीज़ों पर 
जो तुम्हें प्यारी थी, 
जिन्होंने छुआ था तुम्हारी आत्मा को, 
आकाश की गहराईयों को,
जहाँ इन सब पर 
स्मृति का पहरा है, 
क्या वह जादुई दुनिया
तुम्हारे साथ ही ख़त्म हो जाएगी?

तुम्हारे साथ ही ख़त्म हो जाएगा क्या, 
वह पुराना जीवन जो तुमने ठीक कर के 
फिर से नया-सा किया है?
तुम्हारी आत्मा के कल-पुर्जों ने क्या
इतना श्रम किया था 
बस हवा और मिटटी होने के लिए? 


-- अंतोनियो मचादो


  अंतोनियो मचादो 20 वीं सदी के आरम्भ के स्पेनिश कवि थे. युवावस्था में पेरिस में बिताया समय व फ्रांस के सैम्बोलीस्त कवियों से मिलना-जुलना, उनके कवि होने का सबसे बड़ा कारण बना. 20 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन 'सोलेदाद' छप चुका था. उनकी कविताओं में जहाँ एक तरफ अंतर्दृष्टि व अन्तरावलोकन दिखाई देता है, वहीँ दूसरी तरफ स्पेन के लोगों का जीवन व मानसिकता झलकती है. उनके कई कविता संकलन प्रकाशित हुए व अनेक कविताओं का दूसरी भाषाओँ में अनुवाद भी हुआ.
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद  ए. एस क्लाइन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

मंगलवार, जून 14, 2011

चाँद

इवनिंग लैंडस्केप विद राइजिंग मून, विन्सेंट वान गोग


इन सुनहरी किरणों में 
कितना एकांत है.
इन रातों का चाँद,वह चाँद नहीं है 
जो सबसे पहले आदम ने देखा था.
मानवीय रतजगों की
हज़ारों सदियों ने 
उसे एक पुराने दुःख से भर दिया है.
देखो.
वह तुम्हारा आइना है.


-- होर्खे लुईस बोर्खेस 



Jorge Luis Borges
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           होर्खे लुईस बोर्खेस ( Jorge Luis Borges ) अर्जन्टीना के लेखक, कवि व अनुवादक थे. वे 20 वीं सदी के प्रमुख लेखकों में गिने जाते हैं. वे अपनी कहानियों व निबंधों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द हैं. 1961 से पहले, जब उन्हें व सैम्युएल बेक्केट को एक साथ फोर्मनटर प्राइज़ मिला था, वे केवल अर्जन्टीना में ही अधिक जाने जाते थे. उसके बाद से, उनके लेखन का अंग्रेजी में खूब अनुवाद हुआ और वे दुनिया भर में सराहे गए. उनकी कहानियों में फंतासी व सपनों की दुनिया खूब मिलती है. अन्य सम्मानों सहित उन्हें सेर्वोंत प्राइज़ व फ़्रांस का लेजियन ऑफ़ ओनर भी प्राप्त हुआ था. 
इस कविता का स्पैनिश से अंग्रेजी में अनुवाद ए एस क्लाइन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

शनिवार, जून 11, 2011

बारिश में एक पेड़

समर स्टोर्म, रोबेर्ट हेनरी
Summer Storm, Robert Henri

एक पेड़ 
बारिश में इधर-उधर चल-फिर रहा है,
इस बरसते पानी में 
देखो हमारे पास से 
कैसे दौड़ता हुआ निकल गया,
उसे कुछ करना है.
फलों के बागीचे में पंछी कि तरह 
वह बारिश में से जीवन बटोर रहा है.

जब बारिश रुक जाएगी
पेड़ भी रुक जायेगा.
वो देखो वो रहा, 
साफ़ बिन-बादल रातों में 
हमारी तरह वह भी 
इंतज़ार कर रहा है उस पल का 
जब अंतरिक्ष में हिमकणों के फूल खिलेंगे.

-- तोमास त्रांसत्रोमर 


तोमास त्रांसत्रोमर  ( Tomas Tranströmer ) स्वीडन के लेखक, कवी व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में , बल्कि दुनिया भर में सराही गई हैं . उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओं में अनूदित की गई हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं जिनमें इंटरनैशनल पोएट्री फोरम  का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए नामित भी किये गए हैं. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पडा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता, मगर दुसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं.
इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद रोबेर्ट फुल्टन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

गुरुवार, जून 09, 2011

दे प्रोफुन्दिस अमैमस ( प्यार गहराई से करते हैं हम)

स्पेनिश कपल इन फ्रंट ऑफ़ एन इन्न, पाब्लो पिकस्सो 
कल रात
ग्यारह बजे 
तुमने सिगरेट पी थी 
और मैंने
तुम्हें वहां बैठा पाया था 
हम बैठे रहे थे 
और तुम्हारी सब ट्रामें 
छूट गयी थी 
मेरी तो थी ही ऐसी 
जो छूट जाती हैं 

पांच मील 
तक चलते रहे थे हम 
दरबानों को छोड़  
किसी ने हमें 
पास से गुज़रते 
नहीं देखा 
निस्संदेह 
दरबानों द्वारा देखा जाना
सहज ही है 

सड़क को देखो 
वैसे जैसे 
सिर्फ तुम ही देख सकते हो 
लोग 
उनका आचरण 
चार हज़ार लोगों की रूचि
यह देखने में है 
कि तुम्हारी पैंट की सिलवटें 
 कैसी हैं  

कोई बात नहीं
भींच लो मुझे
अपनी पूर्णत: नीली आँखों के
गोल घेरों में 
ऐसा काफी समय तक चलेगा 
हम से पहले तो 
कई सदियाँ पहुँच जायेंगी 
मगर चिंता मत करो 
मत करो 
अधिक चिंता 
हमारा वास्ता 
तो बस इस पल से है 
हम समुद्री-डाकू हैं 
एक भावशून्य बिल्ली की 
अनूठी आश्चर्यचकित  
आश्चर्यजनक आँखें लिए 
हमारी इस अनोखी क्रिया का 
कोई भूत या भविष्य नहीं होता 


-- मारियो सेज़ारीनी द वेसकौनसियलोज़

Mario Cesariny मारियो सेज़ारीनी द वेसकौनसियलोज़ जो मारियो सेज़ारीनी के नाम से जाने जाते हैं, पुर्तगाल के प्रमुख स्यूरेअलीस्त कवि थे. वे चित्रकार भी थे, मगर एक समय के बाद, कविता पर उनका पूरा ध्यान केन्द्रित हो गया. फ्रांस में पढने के दौरान, वे आंद्रे ब्रेतों से मिले और स्यूरेअलीज्म से बहुत प्रभावित हुए. मगर समय के साथ-साथ उनकी लेखन शैली बदलती रही, वे कभी किसी एक विचारधारा पर नहीं टिके रहे, और शायद यह उनके लेखन की विशेषता थी. अपने पचास वर्षों के लेखन काल में उनके कई कविता संकलन छपे हैं. उनकी कविताओं का अब तक अधिक अनुवाद नहीं हुआ है.
इस कविता का मूल पोर्त्युगीज़ से अंग्रेजी में अनुवाद रिचर्ड ज़ेनिथ ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद रीनू तलवाड़.

मंगलवार, जून 07, 2011

कहो कि मुझसे प्यार करती हो

ग्रीन इयर्स ऑफ़ व्हीट, विन्सेंट वान गोग 

कहो कि मुझसे प्यार करती हो... 
ताकि मैं सुन्दर हो जाऊं 
कहो कि मुझसे प्यार करती हो...
कि मेरी उँगलियाँ सोने की हो जाएँ 
और मेरा माथा दिये-सा दमके 
कहो कि मुझसे प्यार करती हो 
ताकि मैं पूरी तरह बदल जाऊं 
और बन जाऊं 
एक गेहूं की डाली या एक पेड़  
अब कह भी दो, हिचकिचाओ मत 
कोई-कोई प्यार देर नहीं सह पाते 
कहो कि मुझसे प्यार करती हो 
ताकि मेरा दैवत्व और बढ़ जाए 
और मेरी प्रेम कविताएँ 
बन जाएँ एक पावन ग्रन्थ 
अगर तुम चाहो तो मैं कैलेंडर भी बदल दूंगा 
कुछ मौसम मिटा दूंगा, कुछ जोड़ दूंगा 
और पुराना साल मेरे हाथों में निरस्त्र-सा होगा
मैं औरतों का राज्य स्थापित कर दूंगा.

कहो कि मुझसे प्यार करती हो
ताकि मेरी कविताएँ तरल हो जाएँ 
और मेरी लिखावट बहुत सुन्दर 
अगर तुम मेरी प्रिय होती 
तो मैं घोड़े और जहाज़ लेकर 
सूरज पर चढ़ाई कर देता.
संकोच मत करो...यही एक मौका है
मेरे इश्वर बनने का...या पैगम्बर.

--  निजार क़ब्बानी 

 निज़ार क़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 की उम्र से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 34 कविता-संग्रह छप चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद लेना जाय्युसी और नाओमी शिहाब नाए ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

रविवार, जून 05, 2011

जोड़ा

ल सेर्क्ल देज आमूर, ओग्यूस्त रोदें
Le Cercle Des Amours, Auguste Rodin

वे बत्ती बुझा देते हैं, और पल-भर के लिए 
बल्ब का गोला दमकता रहता है और फिर
अँधेरे के गिलास में दवा की गोली-सा घुल जाता है.
और फिर कुछ ऊपर को बढ़ता है.
होटल की दीवारें तेज़ी-से उठती जाती हैं 
आकाश के अँधेरे की ओर.

उनकी गतिविधियाँ मद्धिम हो गयीं हैं,
और वे सो रहे हैं,
मगर उनके सबसे गहरे छिपे ख्याल 
ऐसे मिलने लगते हैं 
जैसे एक बच्चे के बनाये चित्र में,
गीले कागज़ पर 
दो रंग मिल कर साथ चलते हैं.

नि:शब्द अँधेरा है. फिर भी
शहर आज रात और पास आ गया है.
घर आये हैं, अपनी बुझी हुई खिड़कियाँ लिए. 
खाली चेहरों वाले लोगों की भीड़-से,
खूब सटे हुए, बहुत पास खड़े, 
 वे इंतज़ार कर रहे हैं.


-- तोमास त्रांसत्रोमर 

                               
तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए नामित भी किये गए हैं. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं.
इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद रोबेर्ट फुल्टन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

शुक्रवार, जून 03, 2011

साधारण जीवन

काफे तेरास्स ऑन द पलास दयु फोरम, विन्सेंट वान गोग 
एक बेंच पर छूटे
मुड़े-तुड़े से कागज़ पर
लिखा हुआ पढ़ा था मैंने --
जीवन साधारण है हमारा.
दार्शनिकों ने बताया था मुझे, 
हमारा जीवन साधारण है.

साधारण जीवन, साधारण दिन, 
साधारण चिंताएं,
संगीत सम्मलेन, बातचीत,
शहर के बाहर खुली जगहों में घूमना, 
अच्छी खबर, बुरी -- 

मगर चीज़ें और सोच 
जैसे फिर भी आधे-अधूरे थे, 
अधपके.

घर और पेड़ 
कुछ और चाहते थे, 
और गर्मियों में 
हरे घास के मैदानों ने, 
ज्वालामुखीय गृह को 
ऐसे ढँक लिया था
जैसे समुद्र पर 
उछाल  के फेंका गया ओवरकोट.

अँधेरे सिनेमाघर रोशनी को तरसते हैं,
जंगल उत्तेजित साँसें लेते हैं,
बादल हौले-हौले गाते हैं,
एक सुनहरा पंछी
बारिश की कामना करता है. 
साधारण जीवन चाहता है, इच्छा करता है.


-- आदम ज़गायेव्स्की 


  •  
आदम ज़गायेव्स्की पोलैंड के कवि, लेखक, उपन्यासकार व अनुवादक हैं. वे क्रैको में रहते हैं मगर इन दिनों वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो में पढ़ाते हैं. वहां एक विषय जो वे पढ़ाते हैं वह है उनके साथी पोलिश कवि चेस्वाफ़ मीवोश की कविताएँ. उनके अनेक कविता व निबंध संकलन छ्प चुके हैं, व अंग्रेजी में उनकी कविताओं व निबंधों का अनुवाद भी खूब हुआ है. 
इस कविता का मूल पोलिश से अंग्रजी में अनुवाद क्लेर कवन्नाह ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

बुधवार, जून 01, 2011

लाइलैक की टहनियाँ हवा में झूल रही हैं...

लाइलैकस, विन्सेंट वान गोग
Lilacs, Vincent Van Gogh

लाइलैक की टहनियाँ हवा में झूल रही हैं 
और बालकॉनी के खुले दरवाज़े से
ज़मीन पर सरकती आती 
उनकी छाया भी झूल रही है.
आज मैंने खिडकियों के शीशे साफ़ किये
और बहुत देर तक उदास रहा:
अचानक सबकुछ 
इतना साफ़, इतना पास, 
इतना इस पल में प्रतिष्ठित था, 
कि मेरा दूर होना 
और स्पष्ट हो गया,
और उदास लगने लगा.
क्या केवल किसी पतझड़ के अंत में, 
किसी जंगल में 
मिला हूँ मैं अपने दोस्तों से:
नन्हे पंछियों से, देवदारों से?
क्या वहां मैं खुद से भी मिल चुका हूँ? 
यह उदासी कहाँ से आती है?
सूरज आगे बढ़ जाता है.
हवा थम जाती है.
लाइलैक की टहनियों की छाया 
ओझल होने से पहले 
किताबों की शेल्फ पर झूलती रहती है.


-- यान काप्लिन्स्की

Author: Estonian Literary Magazine  






यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध छप चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'ईवनिंग ब्रिनग्ज़ एवरीथिंग बैक ' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़