सनराइज़, यान स्लयुटरज़ Sunrise, Jan Sluyters |
आगे बढ़ना.
कहीं और होने की
आवश्यकता ना होना.
किसी भी दुकान से
कुछ भी ना चाहना.
उठाना ऐसी चीज़ को
जो पहले-से पास थी
और उसे दोबारा रखना
नई जगह पर.
जागी हुई आँख का
नयी तरह से देखना.
ये सब क्या करता है
पुराने रक्त को जो बहता रहता है
अपनी वाहिकाओं में?
-- नाओमी शिहाब नाए
नाओमी शिहाब नाए ( Naomi Shihab Nye )एक फिलिस्तीनी-अमरीकी कवयित्री, गीतकार व उपन्यासकार हैं. वे बचपन से ही कविताएँ लिखती आ रहीं हैं. फिलिस्तीनी पिता और अमरीकी माँ की बेटी, वे अपनी कविताओं में अलग-अलग संस्कृतियों की समानता-असमानता खोजती हैं. वे आम जीवन व सड़क पर चलते लोगों में कविता खोजती हैं. उनके 7 कविता संकलन और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक अवार्ड व सम्मान प्राप्त हुए हैं. उन्होंने अनेक कविता संग्रहों का सम्पादन भी किया है. यह कविता उनके संकलन " यू एंड युअर्ज़ " से है.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़