शनिवार, अप्रैल 06, 2013

इस अन्धकार को होने दो एक घंटागार

द बेल टावर, स्पीरोस पापालूकस
The Bell Tower,  Spyros Papaloukas

शांत मित्र जो इतनी दूर निकल आये हो
महसूस करो कैसे तुम्हारा श्वास लेना
तुम्हारे आस-पास और जगह बनाता है.
इस अन्धकार को होने दो घंटागार
और तुम घंटा हो जाओ. जब तुम बजते हो,

तुम पर जो प्रहार करता है वही तुम्हारी शक्ति बन जाता है.
आगे-पीछे चलो इस परिवर्तन में.
कैसी लगती है पीड़ा की यह तीव्रता?
अगर पेय कड़वा है, स्वयं को बदल मदिरा बन जाओ.

इस स्वयं-में-ना-समा-सकने-वाली रात में
बन जाओ अपनी इन्द्रियों के चौराहे पर घटता रहस्य,
वहाँ पाया जाने वाला अर्थ बन जाओ.

और अगर दुनिया ने छोड़ दिया है तुम्हें सुनना,
कहो मौन धरती से : मैं बहता हूँ.
बहते पानी को बोलो : मैं हूँ.


-- रायनर मरीया रिल्के




 रायनर मरीया रिल्के ( Rainer Maria Rilke ) जर्मन भाषा के सब से महत्वपूर्ण कवियों में से एक माने जाते हैं. वे ऑस्ट्रिया के बोहीमिया से थे. उनका बचपन बेहद दुखद था, मगर यूनिवर्सिटी तक आते-आते उन्हें साफ़ हो गया था की वे साहित्य से ही जुड़ेंगे. तब तक उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित भी हो चुका था. यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में ही छोड़, उन्होंने रूस की एक लम्बी यात्रा का कार्यक्रम बनाया. यह यात्रा उनके साहित्यिक जीवन में मील का पत्थर साबित हुई. रूस में उनकी मुलाक़ात तोल्स्तॉय से हुई व उनके प्रभाव से रिल्के का लेखन और गहन होता गुया. फिर उन्होंने पेरिस में रहने का फैसला किया जहाँ वे मूर्तिकार रोदें के बहुत प्रभावित रहे.यूरोप के देशों में उनकी यात्रायें जारी रहीं मगर पेरिस उनके जीवन का भौगोलिक केंद्र बन गया. पहले विश्व युद्ध के समय उन्हें पेरिस छोड़ना पड़ा, और वे स्विटज़रलैंड में जा कर बस गए, जहाँ कुछ वर्षों बाद ल्यूकीमिया से उनका देहांत हो गया. कविताओं की जो धरोहर वे छोड़ गए हैं, वह अद्भुत है. यह कवितांश 'सोंनेट्स टू ओर्फ़ियस ' से है. 

इस कविता का जर्मन से अंग्रेजी में अनुवाद जोआना मेसी व अनीता बैरोज़  ने किया है. 
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़