विला द मर्लिया. अ फौनटेन, जॉन सिंगर सार्जंट Villa de Marlia. A Fountain, John Singer Sargent |
फिर से
मेरा मन
चरमराता है
अपने कब्जों पे
और एक लम्बी-सी आह
के साथ
खुलता है
मेरे लघु
इतिहास के
आच्छादित पथ पर
जहाँ
एक आँगन में
फूल रहे हैं पेड़
संतरे और
अकेशा के
और फुव्वारा
गाता है
वहां कोई नहीं है
जिसे फिर सुनाता है
अपना प्रेम-गीत
-- डान पेटरसन
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़