सेल्फ-पोर्ट्रेट विद नेकलेस ऑफ़ थोर्नज़, फ्रीदा कालो Self-portrait with Necklace of Thorns, Frida Kahlo |
तुम दिखाती हो मुझे कविताएँ
मेरी हमउम्र या मुझे से कम उम्र की
किसी स्त्री की
कुछ शब्द बार-बार उभरते हैं:
शत्रु, चूल्हा, दुःख
बस इतना काफी है समझने के लिए
कि वह इसी युग की स्त्री है
जिसे लगी है धुन
प्रेम की, यही हमारा विषय है:
अपनी दीवारों पर इसे बेल की तरह चढ़ाया है हमने
चूल्हों पर रोटी की तरह सेका है
पैरों में पहना है भारी-भरकम बेड़ियों की तरह
दूरबीन से ऐसे देखा है
जैसे कि वह है एक हेलीकॉप्टर
जो लाया है भोजन अकाल-पीड़ितों के लिए
या है किसी विरोधी शक्ति
का उपग्रह
अब मैं देख पाती हूँ उस स्त्री को
अपना जीवन जीते हुए: चावल पकाते हुए
दुपट्टा इस्त्री करते हुए
रात भर एक पांडुलिपि टाइप करते हुए
अपनी फोनबुक से
एक नंबर मिलाते हुए
एक आदमी के बेडरूम में फ़ोन बजता रहता है
कोई नहीं उठाता
वह सुनती है उस आदमी को किसी और से कहते हुए --
मत ध्यान दो. थक कर छोड़ देगी --
वह सुनती है उस आदमी को बताते हुए
उसकी कहानी उसी की बहन को
जो उसकी शत्रु बन गई है
और जो समय आने पर
अपने दुःख का मार्ग स्वयं ही प्रशस्त करेगी
इस तथ्य से अनभिज्ञ कि दुःख का यह मार्ग
साझा है, अनावश्यक
और राजनीतिक है.
-- एडरियेन रिच
एडरियेन रिच (Adrienne Rich) अमेरिकी कवयित्री एवं निबंधकार थीं व उन्हें 20 वीं सदी के उत्तरार्ध के सर्वाधिक प्रभावशाली कवियों में से एक माना जाता है. कविता में महिलाओं और समलैंगिकों के उत्पीड़न व नारीवादी सिद्धांतों को व्यक्त करने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है. जहाँ अपने प्रथम काव्य संकलन 'अ चेंज ऑफ़ वर्ल्ड' में उन्होंने मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया, वहीँ 60 के दशक के अंत से वे अधिकाधिक उन्मुक्त होती गयीं। अपने कट्टर नारीवादी, युद्ध-विरोधी, रंगभेद विरोधी राजनीतिक विचारों को उन्होंने मुक्त छंद में बीसियों कविता संकलनों मे अभिव्यक्त किया जिनमें उल्लेखनीय हैं -- 'डाइविंग इन्टू द रेक', 'लीफ्लेट्स', 'द विल टू चेंज', नेसेसिटीज़ ऑफ़ लाइफ' इत्यादि है. यह कविता 'डाइविंग इन्टू द रेक' से है.
इस कविता का मूल अंग्रेजी ससे हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़