लैंडस्केप विद कपल वाकिंग एंड क्रेस्सेंट मून, विन्सेंट वान गोग Landscape With Couple Walking And Crescent Moon, Vincent Van Gogh |
ये सब मन के भ्रम हैं, तुम कहते हो,
इनका ख़ुशी से कोई लेना-देना नहीं.
ठण्ड का आना, गर्मी का आना
मन के पास समय ही समय है.
तुम मेरा हाथ थाम के कहते हो
कि कुछ होने वाला है, कुछ अनोखा,
जिस के लिए हम हमेशा-से तैयार थे,
जैसे पूरब में पूरा दिन बिता कर
सूरज आता है
जैसे हमारे साथ रात बिता कर
चाँद चला जाता है.
-- मार्क स्ट्रैन्ड
मार्क स्ट्रैन्ड ( Mark Strand )एक अमरीकी कवि, लेखक व अनुवादक हैं. 1990 में वे अमरीका के 'पोएट लौरेएट ' थे. वे कई जाने-माने विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी पढ़ा चुके हैं और आजकल कोलम्बिया युनिवेर्सिटी में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं. उन्हें 'पुलित्ज़र प्राइज़ ' सहित कई सम्मान मिल चुके हैं. अब तक उनकी कविताओं, लेखों व अनुवादों के 30 से भी अधिक संकलन छ्प चुके हैं.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से अनुवाद -- रीनू तलवाड़