शनिवार, मार्च 02, 2013

सोच

शेड विद सनफ्लावरज़, विन्सेंट वान गोग
Shed with Sunflowers, Vincent Van Gogh
मनुष्य
तुम ने देखा है
दुनिया के सब फूलों में से
सब से उदास और नीरस फूल
और दूसरे फूलों की तरह ही
तुम ने इसे भी एक नाम दिया है
इसे सोच कहते हो
तुम
सोच
ठीक देखा-समझा तुमने
सही सोचा
और यह घृणित फूल
जो न जीता हैं न मुरझाता है कभी
तुमने इसे अमर कहा
सही शब्द है इसके लिए
मगर लाईलक को तुमने लाईलक कहा
लाईलक...बस लाईलक है
लाईलक... लाईलक...
और डेज़ी को तुमने औरत का नाम दिया
या कहें कि औरत को तुमने फूल का नाम दिया
एक ही बात है
ज़रूरी है कि उसमें सुन्दरता हो
कि उस से सुख मिले
आखिर तुम ने सीधे-सादे फूलों को सादे-सादे नाम दे डाले 
और जो सबसे बड़ा और सुन्दर होता है
जो दुःख की खाद से सीधा फूट पड़ता है
जो उग आता है ज़ंग-लगे पुर्ज़ों के बगल में
खुजली वाले कुत्तों
पुराने फटे गद्दों
गरीबों कि झुग्गियों के पास
यह जीवन से भरा फूल
पीला खिला-खिला
जिसको ज्ञानी हेलीआंथस कहते हैं
तुम ने उसे सूरजमुखी कहा
.....सूरज....
आह! आह! आह!
लाखों बार आह!
देखता कौन है सूरज को ?
कौन देखता है ?
सूरज को अब कोई नहीं देखता
मनुष्य जो हो गए हैं वह हो गए हैं
बुद्धिमान...
वे ज़मीन को देखते चलते हैं
और आकाश की सोचते हैं
वे सोचते हैं...सोचते हैं...और सोचते जाते हैं
वे अब सच-मुच के जीते-जागते फूलों से प्यार नहीं कर पाते  
उन्हें सूखे मुरझाये फूल पसंद हैं
सोच के अमर फूल
और वे चलते हैं
यादों की दल-दल में
पछतावे के कीचड़ में
बड़ी मुश्किल से स्वयं को घसीटते हैं
धंसते हैं
घसीटते हैं...स्वयं को...
अपनी बेड़ियों को
बहुत दम लगा कर
बढ़ाते हैं एक-एक कदम
अपनी सुखों में स्वयं ही फंसे
अपना मातम स्वयं ही करते
पूरे जोर से
ऊंची आवाज़ में मगर
जो मर गया है
जो सड़ रहा है
उनके दिमाग में
दुनिया में किसी के वास्ते

उसे नहीं
उखाड़ फेंकेंगे
क्योंकि
वहाँ उग रहा है
वह पवित्र फूल
वह मरियल-सा मटमैला फूल
वह भद्दा फूल
वह कड़वा फूल
वह सदा मुरझाया-हुआ फूल
वह निजी फूल
सोच




-- याक प्रेवेर 




 याक प्रेवेर  ( Jacques Prévert )फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ  स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी  हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है. 
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़