सोमवार, दिसंबर 05, 2011

जाड़ों की रात

द स्टॉर्म ओवर द ग्रोव, वैसिली त्रोपिनिन
The Storm Over The Grove, Vasily Tropinin
तूफ़ान अपने होंठ लाता है घर के पास 
और फूँकता है, आवाज़ करता है.
मैं नींद में बेचैन हूँ, पलटता हूँ 
और मूंदी आँखों से पढ़ता हूँ 
तूफ़ान की किताब.

मगर अँधेरे में बच्चे की आँखें फैल जाती
हैं.
और तूफ़ान रिरियाता है बच्चे के लिए.
दोनों को अच्छा लगता है देखना
झूलती लालटेन को.
दोनों अभी बोलने के आधे रास्ते में ही हैं.

तूफानों के हाथ और पंख बच्चों जैसे होते हैं.
कारवाँ भागने लगता है उत्तरी ध्रुव की ओर 
और घर महसूस करता है कीलों के तारामंडल को
जो साथ जोड़े रखता है उसकी दीवारें को.

हमारी मंजिल से ऊपर रात शांत है
( जहाँ सब जा-चुके कदम 
पड़े हैं तालाब में डूबी पत्तियों की तरह)
मगर बाहर रात भयंकर तूफानी है!

एक इस से भी गंभीर तूफ़ान
गहरा रहा है हम सब पर.
वो अपने होंठ लाता है प्राणों के पास 
और फूँकता है, आवाज़ करता है. हमें डर है
हमारे भीतर का सब कुछ उड़ा न ले जाए कहीं.


-- तोमास त्रांसत्रोमर 



                               
तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्हें 2011 का नोबेल पुरुस्कार प्राप्त हुआ है. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक  कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए कई वर्षों से नामित किये जा रहे थे. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता उनके अंग्रेजी में अनूदित संकलन ' द हाफ -फिनिश्ड हेवन ' से है.


इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद उनके अभिन्न मित्र व अंग्रेजी के प्रख्यात कवि रोबेर्ट ब्लाए ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़