गुरुवार, अगस्त 25, 2011

ताकि सबकुछ पूर्णता को पाए

व्हीट फील्ड विद कॉर्नफ्लार्स, विन्सेंट वान गोग
Wheat field With Cornflowers, Vincent Van Gogh

एक खेत में
मैं खेत की 
अनुपस्थिति हूँ.
हमेशा 
ऐसा ही होता है.
मैं जहाँ भी होता हूँ 
मैं ही होता हूँ जो अनुपस्थित होता है.

जब मैं चलता हूँ
मैं हवा को दो हिस्सों में बाँट देता हूँ
और हवा लौट कर हमेशा
उन जगहों को भर देती है
जहाँ मेरी देह पहले थी.

आगे बढ़ने के 
हम सब के कारण होते हैं.
मैं आगे बढ़ता हूँ
ताकि सब कुछ पूर्णता को पाए.


-- मार्क स्ट्रैन्ड



 मार्क स्ट्रैन्ड ( Mark Strand )एक अमरीकी कवि, लेखक व अनुवादक हैं. 1990 में वे अमरीका के 'पोएट लौरेएट ' थे. वे कई जाने-माने विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी पढ़ा चुके हैं और आजकल  कोलम्बिया  युनिवेर्सिटी में अंग्रेजी के प्रोफेसर हैं. उन्हें 'पुलित्ज़र प्राइज़ ' सहित कई सम्मान प्राप्त हुए हैं. अब तक उनकी कविताओं, लेखों व अनुवादों के 30 से भी अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से अनुवाद -- रीनू  तलवाड़