रविवार, जुलाई 15, 2012

देखना

सनी डे, आइसाक लेवितान
Sunny Day, Isaac Levitan

ऋतु के कगार के उन उजास, उदास दिनों में
-- अगर उजाले या आंसुओं ने
नहीं बंद करवा दीं तुम्हारी आँखें --
तुम सच में स्वयं को जान जाओगे
अगर तुम ढूंढ पाओगे,
गहरे भीतर कहीं ध्वस्त स्मृति में,
किसी उजड़े गलियारे के मोड़ के पार,
वह अँधियारों की चित्रशाला
जो कभी थे तुम्हारे सबसे पहले स्वप्न,
और एक-एक पर तुम आँख गड़ा
एकटक निहार
ले आओगे उन्हें उनकी कुशाग्रता पर.
मानस के गुणों में से, यह प्रमुख है.




-- डान पेटरसन



 डान पेटरसन ( Don Paterson ) स्कॉटलैंड के कवि,लेखक  व संगीतकार हैं. वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट एंड्रूज़ में अंग्रेजी पढ़ाते हैं, लन्दन के प्रकाशक 'पिकाडोर' के लिए पोएट्री एडिटर हैं और एक बेहतरीन जैज़ गिटारिस्ट हैं . अपने पहले कविता संकलन 'निल निल' से ही उन्हें पहचाना जाने लगा व अवार्ड मिलने लगे. अपने संकलन ' गाडज़ गिफ्ट टू विमेन ' के लिए उन्हें टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उनके एक और संकलन 'लैंडिंग लाईट ' को विटब्रेड पोएट्री अवार्ड व फिर से टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उन्होंने दूसरी भाषाओँ से अंग्रेजी में बहुत अनुवाद भी किया है जिन में से सबसे उल्लेखनीय स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो व जर्मन कवि रिल्के की रचनाएँ हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों का संपादन किया है, नाटक लिखे हैं व विशेष रूप से रेडियो नाटक लिखे हैं. यह कविता उनके संकलन 'आईज ' से है, जिसे  स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो की कविताओं का अनुवाद भी कहा जा सकता है, या कहा जा सकता है की ये कविताएँ, उनकी कविताओं से प्रेरित हैं.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़