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वुमन विद अ रोज़ , पिएर-ओग्यूस्त रनोआ Woman with a Rose, Pierre-Auguste Renoir |
जीभ पर रखा बर्फ का टुकड़ा.
होंठों का झट खुल जाना.
तुम्हारा नाम -- चार अक्षर.
हवा में लपकी गई गेंद,
मेरे मुंह में बजती चाँदी की घंटी.
किसी शांत झील में फेंका गया कंकड़
है -- तुम्हारे नाम का स्वर.
रात को घोड़े के टापों की हल्की आवाज़
-- तुम्हारा नाम
मेरी कनपटी पर तुम्हारा नाम
-- तानी हुई पिस्तौल के घोड़े का तीव्र स्वर.
तुम्हारा नाम -- असंभव --
चुम्बन मेरी आँखों पर,
बंद पलकों की ठंडक.
तुम्हारा नाम -- बर्फ का चुम्बन.
बर्फीले झरने के पानी का नीला घूँट
तुम्हारे नाम से -- नींद गहरी हो जाती है.
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद इल्या कमिन्स्की और जीन वैलेंटाइन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़