क्लाउन इन लव, मार्क शगाल Clown In Love, Marc Chagall |
दूसरों के सामने मैं कहता हूँ कि तुम मेरी प्रिय नहीं हो
और भीतर गहरे कहीं मैं जानता हूँ कि मैं कितना झूठा हूँ
केवल मुश्किलों को हमसे दूर रखने के लिए
दावा करता हूँ कि कुछ नहीं है हमारे बीच
और मीठी होते हुए भी,
मैं नकार देता हूँ प्यार की अफवाहों को
और अपने सुन्दर इतिहास को खंडहर कर देता हूँ.
मूर्खों कि तरह, मैं स्वयं को निर्दोष घोषित करता हूँ
अपनी इच्छाओं को मार डालता हूँ, साधू बन जाता हूँ
अपनी सुगंध मिटा देता हूँ, जान-बूझ कर
तुम्हारी आँखों-बसे स्वर्ग से भाग जाता हूँ
मसखरी करता हूँ, उस भूमिका में
असफल हो जाता हूँ मेरी प्यारी और लौट आता हूँ
क्योंकि रात, चाहे कितना भी चाहे,
अपने तारे नहीं छुपा सकती,
न ही समुद्र, चाहे जितना भी चाहे,
छुपा सकता है अपने जहाज़.
-- निज़ार क़ब्बानी
निज़ार क़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 वर्ष की आयु से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 50 से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद लेना जाय्युसी और डब्ल्यू एस मर्विन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़