पोर्ट्रेट ऑफ़ यssन हेब्युतेर्न, अमेदेओ मोदिग्लिअनि Portrait of Jeanne Hebuterne, Amedeo Modigliani |
वह खड़ी है मेरी पलकों पर
और मिल रहे हैं उसके केश मेरे बालों में,
मेरे हाथों से लेती है वह आकार,
लेती है रंग वह मेरी आँखों से,
मेरी छाया में वह ऐसे खो जाती है
जैसे आकाश में कोई पत्थर.
हमेशा खुली ही रहती हैं उसकी आँखें
और वह मुझे भी सोने नहीं देती
दिन-दहाड़े आते हैं उसके सपने
और कई सूरजों की नींद उड़ा जाते हैं,
मुझे हंसाते हैं, रुलाते और हंसाते हैं,
जब कहने को कुछ भी नहीं है तब भी
न जाने क्या-क्या कहलवा जाते हैं.
--पॉल एलुआर
पॉल एलुआर ( Paul Éluard )फ़्रांसिसी कवि थे व स्यूरेअलीज्म के संस्थापकों में से एक थे. 16 साल की आयु में जब उन्हें टी.बी होने पर स्विटज़र्लैंड के एक सैनिटोरियम में स्वास्थ्य लाभ के लिए भेजा गया, उस समय उनका कविता में रुझान हुआ. उनका पहला कविता संकलन उनके युद्ध में हुए अनुभवों के बाद लिखा गया. उनकी लगभग 70 किताबे प्रकाशित हुई जिनमे, कविता संग्रह व उनके साहित्यिक और राजनैतिक विचार भी हैं. यह कवितांश उनके संकलन " कापिताल द ला दूलर " से है.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़