बर्निंग द डार्कनेस, निकोलाई ररीह Burning The Darkness, Nicolas Roerich |
कोरा कागज़ और समय : एक को मैं भर रहा हूँ,
दूसरा स्वयं को भरता है.
दोनों कितने समान हैं. दोनों के सामने
मैं संकोच महसूस करता हूँ और विस्मय से भर जाता हूँ.
किसी ऊंचे चौखट वाले अँधेरे बाड़े में
कविता जैसे एक भेड़ है.
अशांत-सा महसूस करता हूँ उसके पास जाने में.
दृष्टि बाहर रह जाती है. यहाँ तुम केवल
अपने हाथों के सहारे ही चल सकते हो.
सफ़ेद कागज़. सफ़ेद ऊन. अँधेरे में
दोनों केवल कुछ ऐसा जो अँधेरा नहीं.
समय प्रत्यक्ष भी है और परोक्ष भी
जैसा कि वह बाहर होता है, पूरी रोशनी में,
जहाँ तुम अपनी दृष्टि छोड़ आये हो.
समय : एक गीला सफ़ेद तौलिया.
कविता टपकती है जब तुम उसे निचोड़ते हो.
एक अँधेरे बाथरूम में वह तौलिया
गर्म पाइप पर सूखता है.
-- यान काप्लिन्स्की
यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'ईवनिंग ब्रिनग्ज़ एवरीथिंग बैक ' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़