द स्काए इन्फ्लेम्ज़, मार्क शगाल The Sky Inflames, Marc Chagall |
जब हम मिलें जहाँ भी ले जाएँ हमारे कदम शहरों को
खेतों को करने दें
मौन को प्रवेश अपनी घाव-बोली में
चाहते हो तुम कि मेरे प्यार का हो ऐसा चेहरा
जो कर दे आकाश को रोशन? तो
बनने दो अपनी आँखों को मेरे चेहरे का घर ले जाओ मुझे -- बोलो
मैं तुम्हारे हाथों और आँखों में
अपनी देह की लय नहीं महसूस कर पाता
जब तक तुम बोलती नहीं
-- अदुनिस
अली अहमद सईद अस्बार ( Ali Ahmed Said Asbar ), जो 'अदुनिस' ( Adonis )के नाम से लिखते हैं, सिरिया के प्रसिद्ध कवि व लेखक हैं. वे आधुनिक अरबी कविता के पथप्रदर्शक हैं, जिन्होंने पुरानी मान्यताओं से विद्रोह कर कविता के अपने ही नियम बनाये हैं. अब तक अरबी में उनकी 20से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनके अनेक कविता संग्रह अंग्रेजी में अनूदित किये जा चुके हैं. अभी हाल-फिलहाल में, अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में ही उन्हें 2011 के गेटे ( Goethe) पुरुस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें जल्द ही नोबेल प्राइज़ भी मिलेगा , साहित्य जगत में इसकी उम्मीद व अटकलें खूब हैं, वे कई बार नामित भी किये गए हैं. यह कविता उनके 2003 के संकलन 'बिगिनिन्ग्ज़ ऑफ़ द बॉडी, एंडज़ ऑफ़ द सी' से है.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद खालेद मत्तावा ने किया है.
इस कविता का हिन्दी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़