नियर सें यने, मार्क शगाल Near Saint Jeannet, Marc Chagall |
कहाँ से आती है ऐसी कोमलता?
ये बालों के घूँगर जो मैंने अपनी
ऊँगली पर लपेटे हैं, पहले नहीं हैं ये --
तुम्हारे होंठों से और गहरे रंग के
होंठों को भी चूमा है मैंने.
होंठों को भी चूमा है मैंने.
आकाश धुला हुआ और गहराता है
( कहाँ से आती है ऐसी कोमलता? )
मेरी आँखों को अन्य आँखों ने भी
जाना है और फिर दृष्टि हटा ली है.
मगर मैंने कभी ऐसे शब्द नहीं सुने
रात में
( कहाँ से आती है ऐसी कोमलता ? )
अपना सर तुम्हारी छाती पर टिकाए,
आराम.
आराम.
कहाँ से आती है यह कोमलता?
और मैं इसका करुँगी क्या?
अजनबी, युवा कवि, शहर में
भटकते, तुम और तुम्हारी पलकें --
किसी और से कितनी लम्बी हैं.
-- मारीना स्व्ताएवा
मारीना स्व्ताएवा ( Marina Tsvetaeva ) बहुत प्रसिद्द रूसी लेखिका व कवयित्री थीं और उनको 20 वीं सदी के बेहतरीन रूसी साहित्यकारों में गिना जाता है. 18 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन 'ईवनिंग एल्बम' प्रकाशित हुआ. वे रूसी क्रांति व उसके बाद मास्को में पड़े अकाल के समय वहीँ थी. क्योंकी वे क्रांति के खिलाफ थी उन्हें निर्वासित कर दिया गया. कई साल वे अपने परिवार के साथ गरीबी की हालत में पेरिस, बेर्लिन्र व प्राग में रहीं. मास्को लौटने के बाद भी उन्हें शक की नज़र से देखा जाता रहा व उनके परिवार को कसी न किसी कारण से सताया जाता रहा, उनकी बेटी कई वर्ष जेल में रहीं, व पति को मार डाला गया. बिना किसी आर्थिक सहारे के व नितांत अकेलेपन में, उन्होंने आत्महत्या कर ली.
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद इल्या कामिन्सकी व यौं वालोंतीन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़