समर स्टॉर्म, रोबेर्ट हेनरी |
शाम से पहले ही
ले आते हैं रात को
जब धुंध का एक दायरा
क्षितिज से पहले ही
रोक लेता है रास्ते को
जब सहमे-से विलो के पेड़
हवा के आने से पहले ही
कांपते हैं अपनी चुप्पी में
जब बिखरी-सी नमी बारिश के आने से पहले ही
चुभती है आँखों के कोरों में
जब एक गूढ़ रहस्यमय धुंआ
भर जाता है बहुत गहरे
इस बिल जैसे जीवन में
-- मिशेल दगी
मिशेल दगी फ़्रांस के कवि व दार्शनिक हैं और फ़्रांसिसी बौद्धिक दुनिया में उनका खूब नाम है. वे युनिवेर्सिते द पारी (सें दनी )में फ़्रांसिसी साहित्य पढ़ाते हैं .वे अपनी साहित्यिक पत्रिका Po&sie,जो 1972 में शुरू हुई थी, के संस्थापक-संपादक हैं. साथ ही वे जाँ पॉल सार्त्र द्वारा संस्थापित पत्रिका 'ले तौं मोदेर्न ' के सम्पादक भी हैं. फ़्रांस में उनकी 30 से अधिक किताबे छप चुकी हैं व उनके लेखन व कविताओं का कई भाषाओँ में अनुवाद भी हुआ है. अपने लेखन के लिए उन्हें अनेक सम्मान मिल चुके हैं जिनमें 1998 का 'ग्रों प्री नासिओनाल द ला पोएज़ी ' और 2004 का 'ग्रों प्री द पोएज़ी द लाकादमी फ्रोंसेज़ 'शामिल हैं.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़