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ट्रुथ, मिकलोयुस चिर्लोनिय्स Truth, Mikalojus Ciurlionis |
मत होने दो विलीन इस प्रांजल पल को
निःशब्दता में ठहरने दो दीप्त सोच को
हालाँकि पन्ना लगभग भर चुका है और लौ थरथराती है अभी तक भी नहीं उठ पाए हैं हम अपने स्तर तक
अक्ल दाढ़ की तरह विद्या धीरे-धीरे उगती है
आदमी के कद-माप का निशान अभी भी
लगाया जाता है एक सफ़ेद दरवाज़े पर बहुत ऊपर
कहीं दूर से, आती है प्रफुल्लित, एक तुरही और एक गीत की, बिल्ली की तरह सिमटी, स्वयं में एकत्रित आवाज़
जो आगे बढ़ जाता है नहीं गिरता किसी रिक्ति में
झोंकने वाला अभी भी झोंक रहा है कोयला आग में
मत होने दो विलीन इस प्रांजल पल को
किसी शुष्क कठोर वस्तु पर
तुम्हें सत्य को उकेरना है.
-- आदम ज़गायेव्स्की
इस कविता का मूल पोलिश से अंग्रजी में अनुवाद रेनाता गोर्च्न्सकी ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
आदम ज़गायेव्स्की की यह कविता मानव मूल्य बचाये रखने और आदर्श बहुत ऊंचे रखने की हिमायत करती है.
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