लिवाइअथन (जॉब 40 :21) , सेल्वाडोर डाली Leviathan (Job 40:21), Salvador Dali |
मैंने इतना कम कहा.
दिन छोटे थे.
छोटे दिन.
छोटी रातें.
छोटे साल.
मैंने इतना कम कहा.
मैं पिछड़ गया.
थक-हार गया मेरा मन
आनंद से,
निराशा से,
उत्साह से,
आशा से.
जकड़ रहे थे मुझे
भीमकाय लिवाइअथन के जबड़े.
नग्न लेटा था मैं
निर्जन टापुओं के तट पे.
घसीट ले गई मुझे
दुनिया की यह सफ़ेद व्हेल मछली
अपने गहरी खाई में.
और अब मैं नहीं जानता
कि यथार्थ क्या था उस सब में.
-- चेस्वाफ़ मीवोश
चेस्वाफ़ मीवोश (Czeslaw Milosz) पोलैंड के प्रसिद्द कवि, लेखक व अनुवादक थे. उनका जन्म लिथुएनिया में हुआ था और वे पांच भाषाएँ जानते थे -- पोलिश, लिथुएनिअन,रशियन, अंग्रेजी व फ्रेंच. द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात,1951 में उन्होंने पोलैंड छोड़ फ्रांस में आश्रय लिया, और 1970 में अमरीका चले गए. वहां वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया में पोलिश साहित्य के प्रोफ़ेसर रहे. उनके 40 से भी अधिक कविताओं व लेखों के संकलन प्रकाशित हुए हैं व कई भाषाओँ में अनूदित किये गए हैं. अन्य कई सम्मानों सहित उन्हें 1980 में नोबेल प्राइज़ भी मिल चुका है.
इस कविता का मूल पोलिश से अंग्रेजी में अनुवाद चेस्वाफ़ मीवोश और लिलियन वाली ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
Vakai ye sansaar khwaab hai... Bus aap ek baar mar kar dekhne ki jaroorat hoti hai...
जवाब देंहटाएंबड़बड़ाना छोड़ दो
बेहतरीन रचना प्रस्तुती.....
जवाब देंहटाएं