गुरुवार, फ़रवरी 23, 2012

ध्वनि

वट अ फ्रीडम, इल्या रेपिन
What a Freedom, Ilya Repin
याद करो कैसे नग्न आत्मा 
आती है भाषा के पास 
और एकदम जान जाती है
कमी और दूरी और विश्वास 

फिर कुछ समय के लिए वह नहीं दौड़ेगी
माप से अपरिचित उजाले की तरह 
अपनी पुरानी अबद्धता के साथ
मगर कान लगा कर सुनेगी कि कैसे
एक कहानी बन जाती है एक और 
और कोशिश करेगी बताने की 
कि वे सब कहाँ से उभर कर आई हैं 
और आखिर जा किधर को रही हैं
मानो वे उस की अपनी कथाएं हैं 
और वह भागती है शब्दों से आगे 
और फिर उनके पार
नग्न 
और प्रश्नों के कोलाहल में से 

कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखती


-- डब्ल्यू एस मर्विन




W.S. Merwinडब्ल्यू एस मर्विन ( W S Merwin )अमरीकी कवि हैं व इन दिनों अमरीका के पोएट लॉरीअट भी हैं.उनकी कविताओं, अनुवादों व लेखों के 30 से अधिक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं .उन्होंने दूसरी भाषाओँ के प्रमुख कवियों के संकलन, अंग्रेजी में खूब अनूदित किये हैं, व अपनी कविताओं का भी स्वयं ही दूसरी भाषाओँ में अनुवाद किया है.अपनी कविताओं के लिए उन्हें अन्य सम्मानों सहित पुलित्ज़र प्राइज़ भी मिल चुका है.वे अधिकतर बिना विराम आदि चिन्हों के मुक्त छंद में कविता लिखते हैं.यह कविता उनके संकलन 'द शैडो ऑफ़ सिरिअस ' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

4 टिप्‍पणियां:

  1. .........कही पढ़ा था -----" हुस्न खुद बेताब है जलवा दिखने के लिए "!
    एक बेचैन आत्मा शब्दों में उतरने को व्याकुल है और सही नाप के शब्दों की तलाश में भटकती रहती है ,भाषा के इर्द-गिर्द ! शब्द भी उसकी ओर लपकते हैं और अपनी नाप भर पा भी जाते हैं लेकिन वह बहुत कम होता है !
    बहुत सुन्दर कविता और उसका अनुवाद .........रीनू जी को बधाई !

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