फिशिंग बोट्स ऑन द बीच एट सेंत-मारी-द-ला-मेर, विन्सेंट वान गोग Fishing boats on the Beach at Saintes-Maries-de-la-Mer, Vincent Van Gogh |
देखते रहो और प्रतीक्षा करो ज्वार के उतरने की --
प्रतीक्षा करो जैसे प्रतीक्षा करती है
रेतीले किनारे पर नाव, बिना किसी विचार के
चाहे अपनी प्रतीक्षा, चाहे अपने प्रयाण के बारे में .
जैसे कि मैं कितनी अच्छी तरह कह लेता हूँ:
' जो सहनशील हैं वे विजयी होते हैं
क्योंकि जीवन दीर्घ है,
और कला केवल एक खिलौना.'
चलो -- ठीक है -- मान लो जीवन छोटा है,
और समुद्र कभी नहीं छूता तुम्हारी नन्ही नाव को --
केवल प्रतीक्षा करो, और देखते रहो,
और प्रतीक्षा करो,
क्योंकि कला दीर्घ है;
जो भी. सच पूछो तो,
ये सब बिलकुल भी महत्वपूर्ण नहीं है.
-- डान पेटरसन
डान पेटरसन ( Don Paterson ) स्कॉटलैंड के कवि,लेखक व संगीतकार हैं. वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट एंड्रूज़ में अंग्रेजी पढ़ाते हैं, लन्दन के प्रकाशक 'पिकाडोर' के लिए पोएट्री एडिटर हैं और एक बेहतरीन जैज़ गिटारिस्ट हैं . अपने पहले कविता संकलन 'निल निल' से ही उन्हें पहचाना जाने लगा व अवार्ड मिलने लगे. अपने संकलन ' गाडज़ गिफ्ट टू विमेन ' के लिए उन्हें टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उनके एक और संकलन 'लैंडिंग लाईट ' को विटब्रेड पोएट्री अवार्ड व फिर से टी एस एलीअट प्राइज़ प्राप्त हुआ. उन्होंने दूसरी भाषाओँ से अंग्रेजी में बहुत अनुवाद भी किया है जिन में से सबसे उल्लेखनीय स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो व जर्मन कवि रिल्के की रचनाएँ हैं. उन्होंने कई कविता संकलनों का संपादन किया है, नाटक लिखे हैं व विशेष रूप से रेडियो नाटक लिखे हैं. यह कविता उनके संकलन 'आईज ' से है, जिसे स्पेनिश कवि अंतोनियो मचादो की कविताओं का अनुवाद भी कहा जा सकता है, या कहा जा सकता है की ये कविताएँ, उनकी कविताओं से प्रेरित हैं.
इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
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