क्लाउडज़ ओवर हिल्ज़, फेडोर वसिलियेव Clouds Over Hills, Fyodor Vasilyev |
थका-हारा चुपचाप वो आगे की ओर देखता है,
पीछे मुड़ता है, एक कदम उठाता है, झुकता है.
नीचे पत्थर हैं, ऊपर पंछी.
एक मटका रखा है खिड़की में.
खुले मैदान में कांटे हैं. हाथ जेबों में हैं.
तुम मिन्नत करते हो, करते जाते हो.
कविता नहीं आएगी. खाली.
इस को कहने के लिए जो शब्द चाहिए
उस में होना चाहिए थोड़ा खालीपन.
-- ज्यानिस रीत्ज़ोज़
ज्यानिस रीत्ज़ोज़ ( Yannis Ritsos ) एक युनानी कवि और वामपंथी ऐक्टिविस्ट थे. टी बी और दुखद पारिवारिक समस्याओं से त्रस्त, अपने वामपंथी विचारों के लिए उत्पीड़ित, उन्होंने ने कई वर्ष सैनटोरीअमों, जेलों व निर्वासन में बिताये मगर पूरा समय वे लिखते रहे और अनेक कविताएँ, गीत, नाटक लिख डाले, कई अनुवाद भी कर डाले. अपने दुखों के बावजूद, समय के साथ उनके अन्दर ऐसा बदलाव आया कि वे अत्यंत मानवीय हो गए और उनके लेखन में उम्मीद, करुणा और जीवन के प्रति प्रेम झलकने लगा. उनकी 117किताबे प्रकाशित हुई जिनमे कविताओं के साथ-साथ नाटक व निबंध-संकलन भी थे.
इस कविता का मूल ग्रीक से अंग्रेजी में अनुवाद एडमंड कीली ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
संवेदनशील कविता जिसमें कविता के लिए मन के खालीपन को विचारों और फिर शब्दों से भरने की कोशिश परिलक्षित है.
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