अ ड्रीम, ओंरी मातीस A Dream, Henri Matisse |
नींद में प्रेम हुआ,
उठी तो आँख में आँसू थे:
इतना नहीं चाहा है किसी को कभी,
इतना नहीं चाहा है मुझे किसी ने कभी.
नहीं था समय एक चुम्बन का भी
न ही पूछने के लिए उसका नाम.
अब मैं काटती हूँ
जाग कर रातें
देखती हूँ स्वप्न उसके.
-- वेरा पाव्लोवा
वेरा पाव्लोवा ( Vera Pavlova ) रूस की सबसे प्रसिद्द समकालीन कवयित्री हैं. उनका जन्म मॉस्कोमें हुआ था. उन्होंने संगीत की शिक्षा ग्रहण की व संगीत के इतिहास विषय में विशेषज्ञता प्राप्त की. कुछ समय बाद ही उनकी कविताएँ प्रकाशित हुई और उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन का आरम्भ किया. उनके 14 कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं व रूस में उनकी किताबें खूब बिकती हैं. उन्होंने चार ओपेरा लिबेरेतोज़ के लिए संगीत लिखा है व कुछ बोल भी. उनकी कविताएँ 18भाषाओँ में अनूदित की गयी हैं. यह कविता उनके अंग्रेजी में अनूदित संकलन 'इफ देयर इज़ समथिंग टू डिजायर: वन हंड्रेड पोएम्ज़ ' से है.
इस कविता का मूल रशियन से अंग्रेजी में अनुवाद स्टीवन सेमूर ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें