गुरुवार, जनवरी 31, 2013

और एक मुस्कान

वुमन स्माइलिंग, लुसियाँ फ्रोयेड
Woman Smiling, Lucian Freud
रात कभी पूर्ण नहीं होती 
हमेशा होती है चूंकि मैं कहता हूँ
चूंकि 
मैं आश्वासन देता हूँ 
दुःख के अंत में एक खुली हुई खिड़की
एक रोशनी से खिली हुई खिड़की
हमेशा होता है एक स्वप्न जो जागता रहता है,
पूरी करने के लिए इच्छा, तृप्त करने के लिए क्षुधा
एक उदार मन
एक बढ़ा हुआ हाथ, एक खुला हुआ हाथ
ध्यान देती आँखें
जीवन बाँटने के लिए, एक जीवन 




-- पॉल एलुआर














पॉल एलुआर फ़्रांसिसी कवि थे व स्यूरेअलीज्म के संस्थापकों में से एक थे. 16 साल की आयु में जब उन्हें टी.बी होने पर स्विटज़र्लैंड के एक सैनिटोरियम में स्वास्थ्य लाभ के लिए भेजा गया, उस समय उनका कविता में रुझान हुआ. उनका पहला कविता संकलन उनके युद्ध में हुए अनुभवों के बाद लिखा गया. उनकी लगभग 70 किताबे प्रकाशित हुई जिनमे, कविता संग्रह व उनके साहित्यिक और राजनैतिक विचार भी हैं. यह कविता उनके संकलन 'ल फेनिक्स' से है.
इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़         

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