ट्रीज़ एंड अंडरग्रोथ 2, विन्सेंट वान गोग Trees And Undergrowth 2, Vincent Van Gogh |
नहीं है
पेड़ों के बीच कोई भी
और मैं
न जाने मैं कहाँ चला गया हूँ
-- ओक्तावियो पास
इस कविता का मूल स्पेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद एलियट वाइनबर्गर ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
really impressive and worth devouring. congrats
जवाब देंहटाएंlast line's मै appears to be extra. but i m no poetry expert and it may have been used as a poetic necessity.
जवाब देंहटाएंThank you Balvinder ji.
जवाब देंहटाएंsolitude and solace of nature and trees is transcending.
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