स्प्रिंग. व्हाइट लाइलैक्स, आइसाक लेवितान Spring. White Lilacs, Isaac Levitan |
आकाश पर बादल छाये हुए हैं.
गुनगुनी हवा कमीज़ के नीचे से
अन्दर घुस आती है.
एक चितकबरी बिल्ली
धीरे-धीरे सांझ की ओर बढ़ रही है.
सांझ धीरे-धीरे
चितकबरी बिल्ली की ओर बढ़ रही है.
एक पड़ोसी की बीवी
तार पर से कपड़े उतार रही है.
वह मुझे नहीं दिख रही,
मुझे केवल एक-एक करके
गायब होते कपड़े दिखाई दे रहे हैं.
मुझे दिख रहे हैं सफ़ेद लाइलैक.
नर्गिस और कारनेशन.
और दूर नदी के दूसरे तट पर
जगमगाती रोशनियाँ.
एक टेप रिकार्डर. एक रेडियो.
एक टेप रिकार्डर. एक रेडियो.
एक फुदकी चिड़िया.
और बहुत बहुत सारी बुलबुलें.
-- यान काप्लिन्स्की
यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'ईवनिंग ब्रिनग्ज़ एवरीथिंग बैक ' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
kaisa junoon... !!!
जवाब देंहटाएंshukriya.
फिर-फिर वही एकांत कि जिसमें सांझ का चितकबरी बिल्ली की तरफ़ बढ़ना महसूस हो सका …
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