सोमवार, जनवरी 02, 2012

कविता के दोस्तों

ट्री ऑफ़ जेसी, मार्क शगाल
Tree Of Jesse, Marc Chagall

मैं आग का पेड़  हूँ,
और चाह का पुजारी,
पचास लाख प्रेमियों का प्रवक्ता.
अपनी ललक लिए लोग सोते हैं मेरी बाहों में 
और कभी मैं बनता हूँ उनके लिए 
सफ़ेद कबूतर 
कभी चमेली का पेड़.
दोस्तों,
मैं वो घाव हूँ जो
हमेशा है अस्वीकार करता
चाक़ू की सत्ता.



-- निज़ार क़ब्बानी




 निज़ार क़ब्बानी ( Nizar Qabbani )सिरिया से हैं व अरबी भाषा के कवियों में उनका विशिष्ट स्थान है. उनकी सीधी सहज कविताएँ अधिकतर प्यार के बारे में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे क्रन्तिकारी हैं, तो उन्होंने कहा -- अरबी दुनिया में प्यार नज़रबंद है, मैं उसे आज़ाद करना चाहता हूँ. उन्होंने 16 वर्ष की आयु से कविताएँ लिखनी शुरू कर दी थीं, और उनके 50 से अधिक कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी कविताओं को कई प्रसिद्ध अरबी गायकों ने गया है, जिन में मिस्र की बेहतरीन गायिका उम्म कुल्थुम भी हैं, जिनके गीत सुनने के लिए लोग उमड़ पड़ते थे.
इस कविता का मूल अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद लेना जाय्युसी और नाओमी शिहाब नाए ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़ 

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