द ब्लू बर्ड, मार्क शगाल The Blue Bird, Marc Chagall |
जाता है पश्चिम से पूरब की ओर.
एक आखिरी मधुमक्खी उतरती है
अपने छत्ते के सामने.
एक आखिरी पंछी बगीचे के ऊपर से उड़ कर
झाड़ियों में खो जाता है.
आकाश कि पृष्ठभूमि पर
मुझे दिखाई देती है,
केवल उसकी जल्दी-जल्दी उड़ती छाया,
और जहाँ वह हो जाता है नज़र से ओझल,
एक झूलती हुई टहनी.
क्या वहां उसका घोंसला है?
एक कोर्नक्रेक की कर्कश आवाज़ आती है पास
और पास
अब वह एकदम बाड़ के पीछे है.
एक और पंछी
सड़क के पार वाले खेत से
देता है उसे जवाब. शायद
वे एक-दूसरे से मिलेंगे
आज रात.
शायद कल रात.
-- यान काप्लिन्स्की
यान काप्लिन्स्की ( Jaan Kaplinski )एस्टोनिया के कवि, भाषाविद व दार्शनिक हैं व यूरोप के प्रमुख कवियों में गिने जाते हैं. वे अपने स्वतंत्र विचारों व वैश्विक सरोकारों के लिए जाने जाते हैं. उनके कई कविता-संग्रह, कहानियां, लेख व निबंध प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई भाषाओँ से कई भाषाओँ में अनुवाद किये है व उनके स्वयं के लेखन का भी कई भाषाओँ में अनुवाद हुआ है. यह कविता उनके संकलन 'ईवनिंग ब्रिनग्ज़ एवरीथिंग बैक ' से है.
इस कविता का मूल एस्टोनियन से अंग्रेजी में अनुवाद फियोना सैम्प्सन ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
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