ग्रोव ऑफ़ ओलिव ट्रीज़ इन बोरदीगेराह , क्लौद मोने Grove of Olive Trees in Bordighera, Claude Monet |
उन भारी-भरकम महीनों के दौरान
मेरे जीवन में आग तभी लगती थी
जब मैं तुम को प्यार करता था.
जुगनू भी जलता है और बुझ जाता है
जलता है और बुझ जाता है
-- उसकी बार-बार आती झलक
दिखाती थी हमें उसका रास्ता
जैतून के पेड़ों के बीच रात के अँधेरे में.
उन भारी-भरकम महीनों के दौरान
आत्मा बैठी रही, निष्क्रिय और पिटी हुई,
मगर देह ले लेती थी
तुम तक पहुँचने वाली पहली राह,
रात्रि-आकाश धीमे-धीमे रंभाता था.
हम चुराते थे ब्रह्माण्ड का दूध
और जीवित रहते थे.
-- तोमास त्रांसत्रोमर
तोमास त्रांसत्रोमर ( Tomas Tranströmer )स्वीडन के लेखक, कवि व अनुवादक हैं जिनकी कविताएँ न केवल स्वीडन में, बल्कि दुनिया भर में सराही गयीं हैं. उन्हें 2011 का नोबेल पुरुस्कार प्राप्त हुआ है. उन्होंने 13 वर्ष की आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था. उनके 12 से अधिक कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं व उनकी कविताएँ लगभग 50 भाषाओँ में अनूदित की गईं हैं. उन्हें अपने लेखन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए है जिनमे इंटरनैशनल पोएट्री फोरम का स्वीडिश अवार्ड भी शामिल है. वे नोबेल प्राइज़ के लिए कई वर्षों से नामित किये जा रहे थे. लेखन के इलावा वे जाने-माने मनोवैज्ञानिक भी थे, जो कार्य उन्हें स्ट्रोक होने के बाद छोड़ना पड़ा. उनका एक हाथ अभी भी नहीं चलता है, मगर दूसरे हाथ से वे अब भी लिखते हैं. यह कविता उनके अंग्रेजी में अनूदित संकलन ' द हाफ -फिनिश्ड हेवन ' से है.
इस कविता का मूल स्वीडिश से अंग्रेजी में अनुवाद उनके अभिन्न मित्र व अंग्रेजी के प्रख्यात कवि रोबेर्ट ब्लाए ने किया है.
इस कविता का हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़
what an amazing poem and the translation!!!
जवाब देंहटाएं:-)
हटाएंvaah!
जवाब देंहटाएं:-)
हटाएंकविता अच्छी है और अनुवाद भी बेहतर. आपने बहुत काम कर रखा है. यहाँ पढ़ने और ठहरने के लिए बहुत कुछ है.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया, अरुण जी.
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