शनिवार, फ़रवरी 11, 2012

पंख उगाना

फेयरी टेल, मिकालोयुस चिर्लोनिअस
Fairy Tale, Mikalojus Ciurlionis 
ठीक ही है कि सेज़ान एक चित्र को बार-बार बनाता रहे.
ठीक ही है कि हमारे मुंह में रस का स्वाद कड़वा लगे.
ठीक ही है कि बूढ़ा आदमी अपने बेकार पैर को घसीट कर चले. 

जन्नत के पेड़ पर सेब महीनो तक लटका रहता है.
हम गिराव के कगार पर सालों-साल करते रहते हैं प्रतीक्षा.
नीला-स्लेटी पर्वत उगता रहता है काले पेड़ों के पीछे.

ठीक ही है कि मरने तक मैं यही दर्द महसूस करता रहूँ.
एक कमाया हुआ दर्द अधिक पोषण करता है हमारा
बनिस्बत उस आनंद के जो हमने कल रात लॉटरी में जीता था.

ठीक ही है कि तीतर का घोंसला बर्फ़ से भर जाए.
व्याध क्यों शिकायत करे अगर उसका झोला खाली लौटे शाम को? 
इसका अर्थ केवल यही है कि पंछी एक रात और जीवित रहेगा.

ठीक ही है कि हम आज रात अपनी सभी चाबियाँ सौंप दें.
ठीक ही है कि हम त्याग दें अपना कुंडलिनी के लिए मोह 
ठीक ही है कि जिस नाव से मैं प्रेम करता हूँ, कभी न पहुंचे किनारे.

अगर हम पहले ही मृत्यु के इतने पास हैं, तो हम शिकायत क्यों करें?
रॉबर्ट, घोंसलों तक पहुँचने के लिए कितने पेड़ों पर चढ़े हो तुम
ठीक ही है कि नीचे आते-आते तुम्हारे पंख उग आएँ. 


--- रोबर्ट ब्लाए 



 रोबर्ट ब्लाए ( Robert Bly ) अमरीकी कवि,लेखक व अनुवादक हैं. 36 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ, मगर उस से पहले साहित्य पढ़ते समय उन्हें फुलब्राईट स्कॉलरशिप मिला और वे नोर्वे जाकर वहां के कवियों की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में करने लगे. वहीं पर वे दूसरी भाषाओँ के अच्छे कवियों से दो-चार हुए - नेरुदा, अंतोनियो मचादो, रूमी, हाफिज़, कबीर, मीराबाई इत्यादि. अमरीका में लोग इन कवियों को नहीं जानते थे. उनके अनेक कविता संग्रह प्रकाशित हुए और उन्होंने खूब अनुवाद भी किया है. अमरीका के वे लोकप्रिय कवि हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में उनके लिखे 80,000 पन्नों की आर्काइव है, जो उनका लगभग पचास वर्षों का काम है. यह कविता उनके संकलन 'ईटिंग द हनी ऑफ़ वर्डज़ ' से है.

इस कविता का मूल अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद -- रीनू तलवाड़

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